नयी दिल्ली : भारतीय पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के चेयरमैन हेमंत कॉन्ट्रैक्टर ने सरकारी कर्मचारी एनपीएस अंशधारकों को 10 फीसदी से अधिक का ऊंचा रिटर्न देने की समीक्षा करने और इसके धन के निवेश की व्यववस्था को पुनगठित करने को कहा है. उन्होंने कहा कि ऐसे समय जब ब्याज दरें नीचे आ रही हैं, तो क्या 10 प्रतिशत से अधिक का रिटर्न देते रहना व्यावहारिक रहेगा.
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पीएफआरडीए ने एसबीआई पेंशन फंड्स, यूटीआई रिटायरमेंट साल्यूशंस तथा एलआईसी पेंशन फंड लिमिटेड की सेवाएं ली हुई हैं. ये कोष केंद्र सरकार के कर्मचारियों को 10.16 से 10.52 फीसदी के बीच रिटर्न दे रहे हैं. वहीं, राज्य स्तर पर ब्याज दर घटकर 10.16 से 10.31 फीसदी है. कॉन्ट्रैक्टर ने यहां संवाददाताओं से कहा कि जहां तक रिटर्न के टिकने योग्य होने की बात है, तो हम इस पर सरकार से बात कर रहे हैं क्योंकि ब्याज दरें नीचे आ रही हैं. ऐसे में हम ऋण उत्पादों पर मिलने वाला रिटर्न भी नीचे आयेगा.
उन्होंने कहा कि ऐसे में हमें अपने निवेश को पुनगर्ठित करने की जरूरत है. हमें लाइफ साइकिल फंड्स जैसे उत्पादों की ओर देखना होगा, जिससे अपने निवेश को व्यापक कर सकें और बेहतर रिटर्न हासिल कर सकें. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने वित्त वर्ष 2016-17 के लिए ब्याज दर घटाकर 8.65 फीसदी कर दिया है. इससे पिछले वित्त वर्ष में ईपीएफओ ने 8.8 फीसदी का ब्याज दिया था.
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