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अरबपतियों की संख्या बढ़कर 1500 के पार, परिवारिक स्वामित्व वाले कारोबार में भारत का तीसरा स्थान

जिनेवा :पिछले साल दुनिया में अरबपतियों की संख्या बढकर 1500 के पार हो गयी है. यह 2015 की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक है. स्विट्जरलैंड के मुख्य बैंक यूबीएस और पीडब्ल्यूसी की साझा वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी है. रिपोर्ट के अनुसार, अरबपतियों की संख्या सबसे अधिक एशिया में बढी है. नये बने […]

जिनेवा :पिछले साल दुनिया में अरबपतियों की संख्या बढकर 1500 के पार हो गयी है. यह 2015 की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक है. स्विट्जरलैंड के मुख्य बैंक यूबीएस और पीडब्ल्यूसी की साझा वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी है. रिपोर्ट के अनुसार, अरबपतियों की संख्या सबसे अधिक एशिया में बढी है. नये बने अरबपतियों का तीन तिहाई हिस्सा भारत और चीन से है. रिपोर्ट के अनुसार, कुल अरबपतियों में एशिया से 637 और अमेरिका से 563 रहे. यूरोप 342 अरबपतियों के साथ तीसरे स्थान पर रहा.

पारिवारिक स्वामित्व वाले कारोबार के मामले में भारत दुनिया में तीसरे नंबर पर
भारत में सार्वजनिक रुप से सूचीबद्ध पारिवारिक स्वामित्व वाले कारोबार या कंपनियों की संख्या 108 है. इस मामले में भारत दुनिया में तीसरे नंबर पर है. इस मामले में 167 कंपनियों के आंकडे के साथ चीन पहले स्थान पर है जबकि ऐसी 121 कंपनियों के साथ अमेरिका दूसरे स्थान पर है. क्रेडिट सुइस रिसर्च इंस्टिट्यूट :सीएसआरआई: की ताजा सीएस फैमिली 1000 की रिपोर्ट के अनुसार 6.5 अरब डॉलर के औसत बाजार पूंजीकरण के साथ भारत एशिया प्रशांत :जापान को छोडकर: पांचवें स्थान पर है.
वैश्विक स्तर पर भारत 22वें स्थान पर है. परिवार के स्वामित्व वाली कंपनियों के मामले में फ्रांस चौथे, हांगकांग पांचवें, कोरिया छठे, मलेशिया सातवें, थाइलैंड आठवें, इंडोनेशिया नौवें और मेक्सिको दसवें स्थान पर है. रिपोर्ट कहती है कि जब औसत आकार की बात की जाती है तो रैंकिंग काफी हद तक विकसित बाजारों के पक्ष में झुकी नजर आती है. स्पेन में परिवार के स्वामित्व वाली कंपनियों का औसत बाजार पूंजीकरण 30 अरब डॉलर है. नीदरलैंड में भी यह 30 अरब डॉलर, जापान में 24 अरब डॉलर और स्विट्जरलैंड में 22 अरब डॉलर है

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