नयी दिल्ली : राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने एक बातचीत में कहा कि जीएसटी लागू हुए तीन महीने बीत चुके है. धीरे-धीरे नयी टैक्स व्यवस्था में सुधार हो रहा है. अगले 6-9 महीने में यह पूरी तरह से सामान्य हो जाएगा. सरकार निर्यातकों के लंबित माल एवं सेवा कर (जीएसटी) रिफंड को नवंबर के अंत तक पूरी तरह लौटा देगी. गौरतलब है कि जीएसटी लागू होने के बाद सरकार और कारोबारियों में बैचेनी का माहौल है. इससे होने वाले दिक्कतों का असर जीडीपी पर भी पड़ रहा है.
अधिया ने जीएसटी को लेकर पैदा भ्रम की स्थिति के बारे में कहा कि इसके साथ ही अगले छह महीनों तक निर्यात पर कोई कर नहीं लगेगा. अधिया ने कहा कि जुलाई-अगस्त के दौरान एकीकृत जीएसटी के तहत 67 हजार करोड़ रुपये जमा होने का अनुमान है. इनमें से महज पांच-दस हजार करोड़ रुपये निर्यातकों का रिफंड लंबित है.उन्होंने ने कहा, ‘छह महीने की अवधि के लिए हम जीएसटी पूर्व व्यवस्था में लौट रहे हैं. पुरानी व्यवस्था के तहत विनिर्माण निर्यातकों और निर्यात के लिए विनिर्माण करने वालों को कोई कर भुगतान नहीं करना होता था.राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने आज कहा कि जीएसटी की सबसे ऊंची दर 28 प्रतिशत के अंतर्गत आने वाली वस्तुओं की संख्या कम की जाएगी. हालांकि, उन्होंने कहा कि कर दरों में और कटौती करने से पहले अधिकारियों की समिति इसका राजस्व पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन करेगी.
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