नयी दिल्ली: सरकारी कंपनी तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) व निजी क्षेत्र की रिलायंस इंडस्टरीज लि. बंगाल की खाडी के केजी बेसिन क्षेत्र में दोनों के गैस परियोजना क्षेत्रों के अतिक्रम को लेकर पारस्परिक विवाद के निपटारे के लिए संयुक्त रुप से अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ अनुबंधित करेंगी.
ओएनजीसी का कहना है कि रिलायंस द्वारा बंगाल की खाडी में केजी-डी6 ब्लाक की सीमा पर खोदे गए तीन कुएं उसके गैस क्षेत्रें से मात्र कुछ सौ मीटर की दूरी पर हैं. ओएनजी को आशंका है कि ये कुएं उसके क्षेत्र से जुडे हैं और रिलायंस उनके गैस फील्ड की गैस निकाल रही है. हालांकि, रिलायंस ने ओएनजीसी की इस दलील को खारिज कर दिया है. दोदों कंपनियों ने अपने दावों के समर्थन में आंकडे पेश किए हैं.सूत्रें ने बताया कि अब दोदों कंपनियां किसी प्रतिष्ठित वैश्विक परामर्शदाता की नियुक्ति करने पर सहमत हुई हैं और अगले कुछ देनों में अपनी ओर से नाम पेश करेंगी और उन पर बातचीत कर एक साझा नाम तय किया जाएगा.
पेट्रोलियम मंत्रालय के तहत काम करने वाली नियामक एजेंसी हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय (डीजीएच) ने इससे पहले रिलायंस को अपने फील्ड के गैस भंडार के आंकडे और उत्पादन का डाटा ओएनजी को देने को कहा था. इसके अलावा ओएनजीसी से भी कहा गया है कि वह वे आंकडे रिलायंस को दिखाएं जिसके आधार पर उसे लगता है कि रिलायंस के केजी-डी6 ब्लाक के डी6-ए5, डी6-ए9 और डी6-बी8 के जरिए उसके (ओएनजीसी के) जी4-2, जी4-3 तथा डी-1 गैस भंडार की गैस निकाली जा रही है.
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