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निर्माण उद्योग में सुस्ती से सीमेंट उद्योग पस्त, 30 फीसदी सीमेंट की नहीं हो सकी बिक्री

कोयंबटूरः निर्माण उद्योग में सुस्ती आयी सुस्ती का असर सीमेंट उद्योग पर साफ-साफ दिखायी देने लगा है. सीमेंट उद्योग से जुड़ी कंपनियों का कहना है कि निर्माण उद्योग में छायी सुस्ती का ही नतीजा है कि पिछले साल इस क्षेत्र में करीब 43 करोड़ टन सीमेंट का उत्पादन किया गया, लेकिन करीब 30 फीसदी सीमेंट […]

कोयंबटूरः निर्माण उद्योग में सुस्ती आयी सुस्ती का असर सीमेंट उद्योग पर साफ-साफ दिखायी देने लगा है. सीमेंट उद्योग से जुड़ी कंपनियों का कहना है कि निर्माण उद्योग में छायी सुस्ती का ही नतीजा है कि पिछले साल इस क्षेत्र में करीब 43 करोड़ टन सीमेंट का उत्पादन किया गया, लेकिन करीब 30 फीसदी सीमेंट की बिक्री नहीं हो सकी आैर वह अब भी बेकार पड़े हुए हैं. इस क्षेत्र की कंपनी जेके सीमेंट्स ने शनिवार को कहा कि निर्माण उद्योग में नरमी की वजह से पिछले साल 43 करोड़ टन के सीमेंट उत्पादन में से 30 फीसदी बिक नहीं पाया. उसका यह भी कहना है कि इस साल भी ऐसा ही रुख जारी रहने की आशंका है.

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जेके सीमेंट्स के प्रशासक (एवाईए) तथा सलाहकार एमपी रावल ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में भी खपत का इसी तरह का रुख दिखाई दे रहा है. इस साल भी ग्रे सीमेंट का उठाव सिर्फ 70 फीसदी रहेगा. उन्होंने कहा कि सीमेंट उद्योग जोखिम नहीं उठाना चाहता. करीब 30 फीसदी सीमेंट या तो बिक नहीं पाया या बिना इस्तेमाल के पड़ा रहा. उन्होंने कहा कि कमजोर मांग की वजह से इस साल उत्पादन में भी भारी कमी की जायेगी.

रावल ने कहा कि जहां तक कंपनी का सवाल है, तो 1.05 करोड़ टन की क्षमता पर संभवत: कंपनी 70 लाख टन का उत्पादन करेगी. वह यहां आर्किटेक्ट आॅफ द ईयर अवार्ड समारोह के सिलसिले में आये हैं. यह कार्यक्रम रविवार को होना है.

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