बेंगलुरु : इन्फोसिस के शीर्ष प्रबंधनव प्रवर्तकों के बीच महीनों से चल रही खींचतानके बाद आज विशाल सिक्काने एमडी वसीइओ पद से इस्तीफा दे दिया.उनके पद छोड़ने के साथ हीदेश की दूसरी सबसे बड़ी आइटी कंपनी इन्फोसिस ने अपनेबीच से ही यूबी प्रवीण राव को अंतरिमएमडी व सीइओ नियुक्त किया है.प्रवीण राव अबतक कंपनी के सीओओ यानीचीफऑपरेटिंगऑफिसर थे.बेंगलुरु विश्वविद्यालयसे इलेक्ट्रिकलइंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त प्रवीण कंपनी ने अपने कैरियर के शुरुआती दिनों में 1986 में जुड़े थे. इस तरह उनका कंपनी में तीन दशक से अधिक लंबा कैरियर व अनुभव है.प्रवीण रावके पास कंपनी की रणनीतिक व ऑपरेशनल जिम्मेवारी है. वे कंपनी का ग्लोबल सेल्स, ग्लोबल डिलेवरी और बिजनेसके विस्तार जैसे मामलों को देखते हैं.वे कंपनी का सिस्टम व पॉलिसी के लिए जिम्मेवार हैं.वे यूरोप में कंपनी के सेल्स का काम,बिक्री को प्रभावी बनाने, डिलेवरी,गुणवत्ता जैसे अहम बिंदुओं परफोकस करते हुए काम करते हैं.
प्रवीण राव कंपनी के बीपीओ के भी चेयरमैन हैं. वे हेड ऑफ रिटेल की भूमिका निभाते हैं. प्रवीण राव अपनी वेतन वृद्धिको लेकर इस साल के आरंभ में चर्चा में आये थे. इसी साल फरवरी में उनका निश्चित वेतन सालाना 4.62 करोड़ रुपये बढ़ा करकर दिया गया था, वहीं, उनके पैकेज में वेरिएबल 3.87 करोड़ रुपये रखने का प्रावधान किया गया था. यह भुगतान बोर्ड द्वारा तय लक्ष्यों को हासिल करने के आधार पर करने का प्रावधान किया गया था. इसे एकनवंबर 2016 से हीप्रभावी बनाया गया था. हालांकि बाद में उनकी सैलरी में वृद्धि पर इन्फोसिस के संस्थापक एनआर नारायणमूर्ति नेनाराजगी जाहिर की थी. उन्होंने कहाथाकि सैलरी में की गयी वृद्धि इन्फाेसिस की निष्पक्षता की परंपरा के विपरीत है. इससे पहले वे विशाल सिक्का की सैलरी वृद्धिपर भी नाराजगी जता चुके थे. तब उन्होंने कहा था कि उनकी आपत्ति को व्यक्तिगत रूप से नहीं लिया जाये.
उस समय आपत्ति उठाने के साथ नारायणमूर्ति ने प्रवीण रावकी प्रशंसा की थी और कहा था कि मुझे उनसे लगाव है और मैंने ही प्रवीण को कंपनी में भर्ती किया था और हमेशा उनका ध्यान रखा. मेरेकंपनीसे बाहर जाने के बाद उन्हें किनारे कर दिया गया. साल 2013 में जब मैंने वापसी की तब वे कार्यकारी परिषद तक के सदस्य नहीं थे. पर, मैंने, क्रिस व शीबू ने उन्हेंप्रोत्साहित किया और उन्हें सीओओ व सिक्का को सीइओ बनाया.
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