नयी दिल्लीः घरेलू एयरलाइंस में 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के प्रस्ताव पर इंटेलिजेंस ब्यूरो ने आपत्ति जता दी है. आईबी ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए इस पर गंभीर चिंता जतायी है. गृह सचिव राजीव महर्षि की अध्यक्षता में हुई बैठक में घरेलू एयरलाइंस में 100 फीसदी एफडीआई पर चिंता जतायी गयी. इस बैठक में नागरिक विमानन मंत्रालय और आईबी के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए थे. पिछले महीने हुई इस बैठक में एयरक्राफ्ट नियम, 1937 में प्रस्तावित संशोधन से संबंधित मुद्दों को उठाया गया. आईबी द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं के बारे में पूछे जाने पर नागरिक विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने कहा कि उनके संज्ञान में ऐसा कुछ नहीं आया है.
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उन्होंने कहा कि यदि ऐसी कोई चिंता जतायी जाती है, तो वे इस मामले को देखेंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एयरलाइंस में 100 फीसदी एफडीआई की मंजूरी के निर्णय को मंत्रालय ने रोक दिया गया है. बता दें कि यदि विदेशी गैर-एयरलाइंस कंपनी को घरेलू एयरलाइंस में 100 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करनी है, तो एयरक्राफ्ट नियमों में संशोधन आवश्यक है.
पिछले साल एफडीआई की उदार नीति की घोषणा के बाद नियमों में बदलाव किये बिना इसे लागू नहीं किया जा सकता है. एक सूत्र के अनुसार, आईबी का मानना है कि विमानन विभाग बेहद ही संवेदनशील क्षेत्र है. इसलिए घरेलू एयरलाइंस में 100 फीसदी एफडीआई को मंजूरी नहीं दी जा सकती है.
अमेरिका, कनाडा में मात्र 25 फीसदी एफडीआई वहीं बैठक के दौरान आईबी ने सौंपी गयी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अमेरिका और कनाडा जैसे विकसित देशों में भी उनके घरेलू विमान सेवा में केवल 25 विदेशी निवेश को मंजूरी दी गयी है.
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