Bihar Elections 2025: NDA ने 31% सवर्णों को, महागठबंधन ने 15% यादव व 13% मुस्लिमों को टिकट दिया

Bihar Elections 2025: एनडीए के पांचों दलों ने मिल कर 243 सीटों में 85 सीटें सवर्ण उम्मीदवारों को दिये है. इनमें सबसे अधिक 38 राजपूत बिरादरी से आते हैं. यह करीब 15.63 प्रतिशत है. दूसरे नंबर पर भूमिहार समाज के नेता हैं.

By Prashant Tiwari | October 21, 2025 11:28 PM

Bihar Elections 2025:  बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए ने सबसे अधिक 31 फीसदी सवर्ण उम्मीदवारों को मौका दिया है. एनडीए के पांचों घटक दलों ने मिल कर 243 सीटों में 85 सीटें सवर्ण उम्मीदवारों को दिये है. इनमें सबसे अधिक 38 राजपूत बिरादरी से आते हैं. यह करीब 15.63 प्रतिशत है. दूसरे नंबर पर भूमिहार समाज के नेता हैं, जिन्हें 32 सीटें मिली हैं. इन्हें कुल 243 में 13.16 फीसदी सीटें मिलीं. जबकि ब्राह्मण जाति को 10 फीसदी से थोड़ा अधिक यानी पंद्रह सीटें दी गयी है. सवर्ण में कायस्थ जाति को एक प्रतिशत के करीब यानी दो सीटें मिली हैं.

पिछड़ी जातियों में सबसे अधिक कुर्मियों को मिली टिकट 

वहीं, पिछड़ी जातियों में सबसे अधिक भागीदारी कुर्मी जाति के उम्मीदवारों को मिली है. लव और कुश समीकरण को जोड़ दिया जाये तो यह संख्या 37 यानी 15.22 प्रतिशत के करीब पहुंचती है. वैश्यों को भी दस फीसदी से अधिक टिकट बांटे गये. अति पिछड़ी जातियों में सबसे अधिक 27 यानी जदयू अपने कोटे के 101 सीटों में 27 फीसदी इबीसी यानी अति पिछड़ी जातियों को दिया है. एनडीए में ओवरआल 24.69 प्रतिशत अति पिछड़ी जातियों को भागीदारी दी गयी है. घटक दलों में अति पिछड़ी जातियों पर सबसे अधिक दाव जदयू ने लगाया है. दलित जातियों में सबसे अधिक पासवान बिरादरी को चुनाव लड़ने का मौका मिला है.

महागठबंधन में नौ फीसदी सवर्ण उम्मीदवार 

महागठबंधन में राजद ने सबसे बड़ी पार्टी बन कर 243 में 143 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारा है. राजद ने 36 मौजूदा विधायकों के टिकट काटे हैं. सामाजिक समीकरण की बात करें तो इन 143 सीटों में सबसे अधिक 35 फीसदी यादव जाति के उम्मीदवार हैं. यानी कुल 51 उम्मीदवार राजद से यादव समाज के हैं. महागठबंधन की 243 सीटों पर यादव उम्मीदवारों की संख्या 62 है, जो करीब 15 फीसदी है. इनमें कांग्रेस के पांच और वामदलों के सात यादव उम्मीदवार हैं. इसी प्रकार दूसरे नंबर पर राजद ने 18 अल्पसंख्यक उम्मीदवारों को मौका दिया है. जो राजद की कुल सीटों की तुलना में 13 प्रतिशत हैं. इसी तरह तीसरे नंबर पर कुशवाहा समाज के 14 उम्मीदवार हैं, जो राजद की कुल सीटों का 10 फीसदी है. राजद ने 11 फीसदी टिकट सवर्ण उम्मीदवारों को दिया है. इनमें राजपूत जाति के छह, भूमिहार छह और तीन ब्राह्मण समाज के हैं. पिछली जातियों में करीब आठ फीसदी उम्मीदवार वैश्य जाति के भी हैं. जबकि कुर्मी जाति से एक उम्मीदवार दिया गया है.

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महागठबंधन में कुल सवर्ण उम्मदवार 39 हैं, जो कुल संख्या के नौ फीसदी के करीब हैं. अति पिछड़ी जातियों में महागठबंधन ने कुल 243 उम्मीदवारों में 30 उम्मीदवार यानी 12 फीसदी प्रत्याशियों को मौका दिया है. इनमें सबसे अधिक नौ कांग्रेस, आठ वीआइपी और पांच राजद के उम्मीदवार हैं. बांकी तीन तांती और ततवा तथा वाम दलों उम्मीदवार हैं. महाठबंधन ने एससी के 38 उम्मीदवारों में सबसे अधिक 19 यानी 13 फीसदी राजद ने उतारे हैं. जबकि कांग्रेस ने 12 , वाम दलों ने 10 उम्मीदवारों को मौका दिया है. मुसलिम उम्मीदवारों में राजद के बाद काग्रेस ने 10, भाकपा माले ने एक एससी उम्मीदवार को मौका दिया है.

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