विभा देवी या नया चेहरा? नवादा में बदलते समीकरणों की तलाश
Nawada Assembly constituency: नवादा विधानसभा बिहार की एक राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सीट है, जहां RJD, JD(U) और भाजपा के बीच लगातार मुकाबला होता रहा है. 2020 में RJD की विभा देवी जीतीं, जबकि 2024 लोकसभा में भाजपा ने बढ़त बनाई. जातीय समीकरण, खासकर यादव, भूमिहार और मुस्लिम मतदाता, यहां चुनावी नतीजों को निर्णायक रूप से प्रभावित करते हैं.
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By Nishant Kumar | July 14, 2025 5:53 PM
Nawada Assembly constituency: नवादा विधानसभा क्षेत्र बिहार की एक महत्वपूर्ण सीट है, जिसकी स्थापना 1951 में हुई थी. यह क्षेत्र लगातार राजनीतिक बदलावों का गवाह रहा है. शुरुआती वर्षों में यहां कांग्रेस का दबदबा रहा, लेकिन 1967 और 1977 में कम्युनिस्ट दलों और स्वतंत्र उम्मीदवारों ने भी जीत हासिल की. 1990 के बाद से नवादा की राजनीति में RJD, JD(U), भाजपा और निर्दलीय उम्मीदवारों के बीच मुकाबला होता रहा है. राजबल्लभ यादव और कौशल यादव जैसे नेताओं ने इस सीट पर व्यक्तिगत प्रभाव बनाया.
क्या है मौजूदा हालात ?
2020 के विधानसभा चुनाव में राजद की विभा देवी ने स्वतंत्र उम्मीदवार श्रवण कुमार को हराकर जीत हासिल की. वहीं, 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के विवेक ठाकुर ने RJD समर्थित उम्मीदवार को पराजित कर पार्टी की स्थिति को मजबूत किया. नवादा की राजनीति जातीय समीकरणों पर आधारित रही है—जहां यादव, भूमिहार, दलित और मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं.
आगामी 2025 के विधानसभा चुनाव में RJD, JD(U) और BJP के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना है. भाजपा की लोकसभा में सफलता विधानसभा में भी असर डाल सकती है, लेकिन यहां का मतदाता बार-बार रुझान बदलता है, जिससे यह सीट बेहद अप्रत्याशित मानी जाती है.