Controversy : जीन संपादन के जरिये बच्चों का जन्म कराने वाला चीनी वैज्ञानिक जांच के दायरे में आया

वाशिंगटन : जीन में बदलाव के जरिये दुनिया के पहले जुड़वा शिशुओं का जन्म कराने में मदद करने का दावा करने वाला चीनी वैज्ञानिक सरकारी निकायों और अपने ही विश्वविद्यालय की जांच के दायरे में आ गया है. दक्षिणी चीनी शहर शेनझेन में काम करने वाले 34 वर्षीय एसोसिएट प्रोफेसर हे जियानकुई ने कहा कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 28, 2018 11:44 AM

वाशिंगटन : जीन में बदलाव के जरिये दुनिया के पहले जुड़वा शिशुओं का जन्म कराने में मदद करने का दावा करने वाला चीनी वैज्ञानिक सरकारी निकायों और अपने ही विश्वविद्यालय की जांच के दायरे में आ गया है. दक्षिणी चीनी शहर शेनझेन में काम करने वाले 34 वर्षीय एसोसिएट प्रोफेसर हे जियानकुई ने कहा कि मानव भ्रूण में बदलाव करने के लिए उनकी प्रयोगशाला ने शक्तिशाली जीन संपादन उपकरण सीआरआईएसपीआर का इस्तेमाल किया, जिससे इस महीने की शुरुआत में दो जुड़वां लड़कियों का जन्म हुआ.

अभी उनके दावे की स्वतंत्र पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन वैज्ञानिकों और नियामकों ने इस प्रयोग को अनैतिक और अवैज्ञानिक बताकर इसकी निंदा की. राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने सोमवार को गुआंगदोंग प्रांत के स्थानीय अधिकारियों को जियानकुई के कृत्य की जांच करने के आदेश दिये.

चीन के सरकारी प्रसारक सीसीटीवी ने मंगलवार को बताया कि अगर जन्म की पुष्टि हुई, तो उनका मामला प्रासंगिक कानूनों और नियमनों के अनुसार देखा जायेगा. यह स्पष्ट नहीं है कि क्या वह संभावित आपराधिक आरोपों का भी सामना करेंगे. उनके नियोक्ता साउदर्न यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी ने एक बयान में कहा कि उसे हे के मानव जीन संपादन कार्य के बारे में सूचित नहीं किया गया और जांच शुरू कर दी गयी है.

विश्वविद्यालय ने कहा कि हे के शोध ने ‘शैक्षणिक नैतिकता और मानदंडों का गंभीर उल्लंघन’ किया. वह शेनझेन सिटी मेडिकल एथिक्स एक्सपर्ट बोर्ड और चीनी विज्ञान अकादमी के शैक्षणिक संभाग द्वारा की जा रही जांच का भी सामना कर रहे हैं.