2019 में बनेगा देश का पहला थ्रीडी प्रिंटेड मकान, 100 साल तक टिक सकता है यह मकान

आइआइटी मद्रास के एलुमनी ने बनायी थ्रीडी प्रिटिंग प्रयोगशाला भारत एक साल के भीतर पहला थ्रीडी प्रिंटेड मकान बना सकता है. आइआइटी मद्रास की एक टीम ने दो दिन के भीतर एक मंजिला इमारत का लघु रूप सफलतापूर्वक प्रिंट किया है. तमिलनाडु के मद्रास स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के शोधकर्ताओं ने संस्थान के एलुमनी के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 6, 2018 6:45 AM
आइआइटी मद्रास के एलुमनी ने बनायी थ्रीडी प्रिटिंग प्रयोगशाला
भारत एक साल के भीतर पहला थ्रीडी प्रिंटेड मकान बना सकता है. आइआइटी मद्रास की एक टीम ने दो दिन के भीतर एक मंजिला इमारत का लघु रूप सफलतापूर्वक प्रिंट किया है.
तमिलनाडु के मद्रास स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के शोधकर्ताओं ने संस्थान के एलुमनी के एक स्टार्टअप के साथ थ्रीडी प्रिटिंग प्रयोगशाला बनायी है ताकि स्वदेश विकसित इस तकनीक को बाजार तक ले जाया जा सके. शोधकर्ताओं ने बताया कि भारत में आवास, शौचालय और परिवहन के क्षेत्र में व्यापक स्तर पर ढांचे की कमी ने उन्हें 3डी प्रिंटिंग तकनीक की ओर रुख करने के लिए प्रेरित किया.
उन्होंने कहा कि वे इस तकनीक को भारतीय बाजार में उतारने के फायदों को लेकर उत्साहित हैं. आइआइटी मद्रास के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर कोशी वर्गीज ने कहा कि संस्थान इस क्षेत्र में नयी तकनीक को लाने की प्रक्रिया और नीति, ज्ञान का प्रचार करने तथा मापदंड तैयार करने के लिए कई सरकारी एजेंसियों तथा इंडस्ट्री के साथ काम कर रहा है. इसके सह-संस्थापक आदित्य ने कहा कि एक साल के भीतर भारत का पहला थ्रीडी प्रिंटेड मकान बनायेंगे. आदित्य ने कहा कि निर्माण गतिविधियों में थ्रीडी प्रिटिंग का असर ‘सभी के लिए आवास’ योजना पर केंद्रित होगा.
फ्रांस में बना पहला थ्रीडी प्रिंटेड घर, 18 दिनों में तैयार
100 साल तक टिक सकता है यह मकान
नांटेस यूनीवर्सिटी की रिसर्च टीम के मुताबिक, बीटीप्रिंट थ्रीडी का यह प्रिंटर मकान का ढांचा बनाने के लिए पॉलीमर मैटीरियल का इस्तेमाल करता है. जब यह प्रिंटर मकान की दीवारें बना देता है तो इसे मजबूती देने के लिए उसकी दीवारों के गैप में सीमेंट व गिट्टी भर दिया जाता है.
रोबोट थ्रीडी प्रिंटर, बीटीप्रिंट थ्रीडी के उपयोग से बना मकान
फ्रांस के शहर नांटेस में, दुनिया का पहला थ्रीडी प्रिंटेड मकान बनाया गया है. यह अपने आप में खास और हाइटेक है. नांटेस यूनीवर्सिटी की रिसर्च टीम ने इस मकान को बनाने में अहम रोल निभाया था. इस टीम ने रोबोट थ्रीडी प्रिंटर, बीटीप्रिंट थ्रीडी का उपयोग करके यह मकान बनाया है. इस मकान के प्रोजेक्‍ट से जुड़े लोगों का कहना है कि इस तरह के मकान भविष्‍य में भवन निर्माण की दशा और दिशा बदल सकता है.

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