IS के हैकरों ने किया अमेरिका की सरकारी वेबसाइटों को हैक करने का दावा

कोलंबस : इस्लामिक स्टेट (IS) को समर्थन करने वाले एक आतंकवादी समूह ने ओहियो की कई सरकारी वेबसाइटों को हैक करने का दावा किया है. आतंकी समूह ने ओहियो राज्य की रिपब्लिकन सरकार के जॉन केचिस की वेबसाइट पर एक संदेश भेजकर कहा कि मुस्लिम देशों में बहने वाली रक्त की हर बूंद के लिए […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 26, 2017 11:26 AM

कोलंबस : इस्लामिक स्टेट (IS) को समर्थन करने वाले एक आतंकवादी समूह ने ओहियो की कई सरकारी वेबसाइटों को हैक करने का दावा किया है. आतंकी समूह ने ओहियो राज्य की रिपब्लिकन सरकार के जॉन केचिस की वेबसाइट पर एक संदेश भेजकर कहा कि मुस्लिम देशों में बहने वाली रक्त की हर बूंद के लिए ट्रंप सहित आपको और आपके सभी लोगों को निशाने पर लिया जायेगा. संदेश समाप्त होने पर नीचे लिखा था कि टीम सिस्टम डीजे, मैं इस्लामिक स्टेट को समर्थन करता हूं.

इस खबर को भी पढ़ेंः अब भी टला नहीं है साइबर अटैक का खतरा, ऐसे बच सकते हैं आप

ऐसा ही एक संदेश ब्रोकहेव, न्यूयॉर्क शहरों की हॉवर्ड काउंटी, मैरीलैंड सरकारों की वेबसाइटों पर भी भेजा गया. आतंकी समूह ने इससे पहले भी रिचलैंड काउंटी, विस्कॉसिंन के साथ एबरडीन, स्कॉटलैंड और स्वीडन के शहरों में भी हैकिंग की जिम्मेदारी ली थी. ओहियो में इससे पहले भी कई अन्य सरकारी वेबसाइटें हैक हो चुकी हैं.

गौरतलब है कि बीते मर्इ के महीने में रैनसैमवेयर के जरिये ब्रिटेन आैर अमेरिका समेत दुनिया के लगभग 100 देशों में कुछ संगठनों पर साइबर हमला किया गया था. इन साइबर हमलों के बाद कंप्यूटर्स ने काम करना बंद कर दिया था. प्रभावित कई संगठनों ने कंप्यूटर्स के लॉक होने की शिकायत भी की गयी. साइबर विशेषज्ञों के मुताबिक, मालवेयर कंप्यूटर वायरस ‘रैंजमवेयर’ की चपेट में आकर कंप्यूटर प्रभावित हो रहे थे. ये वायरस स्पैम ईमेल के जरिये जॉब ऑफर, इनवायसस, सेक्योरिटी वार्निंग्स और अन्य संबंधित फाइल्स की शक्ल में पहुंच रहा था.

रैनसमवेयर के हमलों से सचेत और इस पैनी नजर रखने वाले साइबर सुरक्षा से जुड़े विशेषज्ञों की मानें, तो मर्इ के महीने में ही दुनिया के 150 देशों में कंप्यूटरों पर वार करने वाले रैनसमवेयर वानाक्राई के चलते भारत में करीब 40,000 से अधिक कंप्यूटर साइबर हमलों की चपेट में आये थे. इस हमले के साथ रैनसमवेयर के हमलों के शिकार देशों में भारत तीसरा सबसे बड़ा देश रहा है.

Next Article

Exit mobile version