आज यानी 20 अक्टूबर को विश्व ऑस्टियोपोरोसिस डे मनाया जाता है.
ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसा रोग है, जिसमें हड्डियां बताशे की तरह भुरभुरी होकर टूटने और बिखरने लगती हैं. अमूमन यह स्थिति महिलाओं में 45 के बाद और पुरुषों में 55 के बाद आती है.
ये हैं ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण अगर आपको बैक पेन, कमर में दर्द, गर्दन में दर्द, घुटने में दर्द या शरीर के किसी भी भाग में हड्डियों में हल्के दर्द की शुरुआत हो गई हो तो सावधान हो जाएं. ध्यान दें कि कहीं आप ऑस्टियोपोरोसिस के शिकार तो नहीं होने जा रहे हैं। सूचना तकनीक के इस दौर में ऑस्टियोपोरोसिस भयानक रूप धारण करता जा रहा है.
बादाम के सेवन से खत्म होगा ऑस्टियोपोरोसिस बादाम पाेषक तत्वाें से भरपूर हाेता है. इसमें वाे सभी पाेषक तत्व पाए जाते हैं, जाे शरीर के लिए जरूरी हाेते हैं. बादाम कैल्शियम, मैग्नीशियम और प्राेटीन से भरपूर हाेता है. यह हड्डियाें काे मजबूत बनाता है. इसमें मौजूद कैल्शियम हड्डी के ऊतकों के लिए एक जरूरी मिनरल है.
फल और सब्जियां भी हैं ऑस्टियोपोरोसिस में जरूरी मांसपेशियाें, हड्डियाें काे मजबूत बनाने के लिए अच्छी मात्रा में फलाें और सब्जियाें का सेवन करना बहुत जरूरी हाेता है. फल और सब्जियां विटामिंस, मिनरल्स से भरपूर हाेते हैं. हड्डियां कमजाेर हाेने पर आपकाे अपनी डाइट में पालक, बींस, ब्राेकली जैसी सब्जियाें काे शामिल करना चाहिए.
सैल्मन फिश रोकेगा ऑस्टियोपोरोसिस को सैल्मन फिश या मछली पाेषक तत्वाें से भरपूर हाेता है. यह प्राेटीन और विटामिन डी का एक काफी अच्छा साेर्स है. इसे स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक माना जाता है. इसमें मौजूद विटामिन डी हड्डियाें काे मजबूत बनाता है. साथ ही इसमें कैलाेरीज भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है.
दूध है हड्डियों के लिए जरूरी ऑस्टियाेपाेराेसिस एक ऐसी बीमारी है, जिसमें हड्डियां कमजाेर हाेने लगती हैं. अकसर हड्डियां तब कमजाेर बनती हैं, जब शरीर में कैल्शियम की कमी हाे जाती है. अगर आप इस समस्या से जूझ रहे हैं, ताे इस स्थिति में दूध का सेवन कर सकते हैं .