पहले यह तय किया गया था कि हर साल सितंबर महीने के अंतिम रविवार को इसे मनाया जाए, लेकिन साल 2014 में इस खास दिन को मनाने के लिए 29 सितंबर की तारीख निश्चित कर दिया गया.
वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन द्वारा 29 सितंबर, 2000 को वर्ल्ड हार्ट डे की शुरुआत की गई थी. इसकी पहल द वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन के निदेशक आंटोनी बेस दे लुना ने डब्ल्यूएचओ के साथ मिलकर की थी.
हाल के दिनों में कम उम्र के लोगों में भी हार्ट अटैक की समस्या आने लगी है
हर साल लगभग 17 मिलियन से ज्यादा लोग दिल से संबंधित बीमारियों के कारण मर जाते हैं. इसकी चपेट में अब कम उम्र के लोग भी तेजी से आ रहे हैं.
आंकड़ों के मुताबिक भारत में साल 1990 में हृदय रोगों से हर साल 2.26 मिलियन (22.6 लाख) की मौत होती थी, यह आंकड़ा साल 2025 तक बढ़कर 5.23 मिलियन (52.3 लाख) होने की आशंका है.
यदि आपकी धमनियों में किसी प्रकार का अवरोध हो तो इससे हार्ट अटैक, छाती में दबाव, जकड़न जैसी दिक्कतें हो सकती हैं. यदि आपमें ऐसे लक्षण लगातार बने रहते हैं तो इस बारे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन इस साल कैंपेन चला रही है कि लोग, परिवार, समाज, सरकार सभी इस कैंपेन से जुड़ें और खुद और दूसरों को अपने हार्ट को बेहतर बनाए रखने के लिए एक्टिविटी में हिस्सा लें. इसमें सभी देश के लोग हिस्सा लें और सीवीसी यानी कार्डियोवैस्कुलर डिजीज को कंट्रोल करने का अभियान चलाएं.