पितृ पक्ष 2023 में त्रयोदशी का श्राद्ध 12 अक्टूबर, गुरुवार को किया जाएगा. इस श्राद्ध को तेरस श्राद्ध के नाम से भी जाना जाता है.
पितृपक्ष श्राद्ध | Prabhat Khabar Graphics
गयाजी पितृपक्ष मेला महासंगम में 17 दिवसीय श्राद्ध करने पहुंचे श्रद्धालु त्रयोदशी तिथि को प्रातः काल फल्गु नदी में स्नान कर दूध से अपने पितरों का तर्पण करते हैं.
Pitru Paksha 2023 | Prabhat Khabar Graphics
इस दिन अशक्त व्यक्ति को भी फल्गु स्नान करना चाहिए, क्योंकि पितरों की चाहना रहती है कि पुत्र के पैरों से भी जल स्पर्श हो जयेगा, तो भी हमारी तृप्ति हो जायेगी.
Pitru Paksha 2023 | Prabhat Khabar Graphics
शाम में नदी किनारे श्रीगदाधर मंदिर, विष्णुपद मंदिर व अन्य देवालयों में दीपदान करते हैं . दीपदान की विधि अपने श्राद्ध कराने वाले आचार्यों से पूछ लें.
Pitru Paksha 2023 | Prabhat Khabar Graphics
श्राद्ध में दीपदान करने से मनुष्य तेजस्वी होता है व रूप, धन, भोग, सुख और ऐश्वर्य को प्राप्त करता है. इससे यजमान पितरों को दीपदान अवश्य करें.
दीपदान | Prabhat Khabar Graphics
दीपदान के बिना जो श्राद्ध करते हैं, उनके पितर अंध कूप के अंधकार में गोते खाते रहते हैं. गया के घी से जो दीपदान करते हैं, वे लोकेश के साथ गो लोक में निवास करते हैं. घी के अभाव में तिल तैल से भी दीपदान कर सकते हैं. इससे भी प्राणी अंधकार से तर जाते हैं.
दीपदान | Prabhat Khabar Graphics