Saurav kumar
क्रिकेट के मैदान पर आपने अक्सर खिलाड़ियों के चेहरे पर सफेद रंग का क्रीम लगा हुआ देखा होगा. ऐसे में आज हम आपको बताएंगे आखिर क्रिकेटर्स क्यों अपने चेहरे पर ये क्रीम लगाते हैं.
क्रिकेटर्स के चेहरे पर यह क्रीम जिंक ऑक्साइड होती है, जिसे फिजिकल सनस्क्रीन भी कहा जा सकता है. ये चेहरे पर रिफलेक्टर का काम करती है.
धूप से बचने के लिए क्रिकेटर्स इसका इस्तेमाल करते हैं. इससे सूरज की सीधी पड़ने वाली किरणों से उनकी स्कीन का बचाव होता है.
यह सफेद क्रीम सूरज के UVA और UVB किरणों से भी खिलाड़ियों को बचाती है.
ये क्रीम स्कीन पर प्रोटेक्टिव लेयर बना लेती है, जिससे सूर्य की किरणे सीधे स्कीन पर नहीं लगती है. ये आम सनस्क्रीन से अलग होती है, क्योंकि आम तौर पर लगाई जाने वाली सनस्क्रीन कैमिकल से बनी होती है.
क्रिकेटर्स द्वारा लगाई जाने वाली क्रीम को बॉडी ऑब्जर्व नहीं करती है और क्रिकेटर्स जब लंबे समय तक सूरज की सीधी रोशनी में खेलते हैं तो उनकी स्कीन पर असर नहीं पड़ता है.
भारतीय टीम के कई बड़े प्लेयर्स इस सफेद क्रीम का इस्तेमाल करते हुए नजर आ चुके हैं. इनमें सचिन तेंदुलकर, महेंद्र सिंह धोनी, विराट कोहली, हरभजन सिंह जैसे बड़े नाम शामिल हैं.