Shaurya Punj
गुजरात के वडोदरा में भगवान शिव का एक ऐसा मंदिर है जो दिन में दो बार सुबह और शाम पल भर के लिए आंखों के सामने से ओझल हो जाता है.
समुद्र के इस किनारे पर दो बार ज्वार-भाटा आता है.ज्वार के समय समुद्र का पानी मंदिर के अंदर आता है और शिवलिंग का अभिषेक दो बार कर वापस लौट जाता है.
स्तम्भेश्वर महादेव मंदिर गुजरात की राजधानी गांधीनगर से लगभग 175 किमी दूर जंबूसर के कवि कंबोई गांव में मौजूद है.अगर ट्रैफिक जाम न मिले तो आप गांधीनगर से इस जगह तक 4 घंटे में ड्राइव करके पहुंच सकते हैं.
मंदिर 150 साल पुराना है, जो अरब सागर और खंभात की खाड़ी से घिरा हुआ है.इस मंदिर की महिमा देखने के लिए आपको यहां सुबह से लेकर रात तक रुकना पड़ेगा.
वडोदरा के स्तंभेश्वर महादेव मंदिर में स्थित शिवलिंग की ऊंचाई 4 फीट और इसका व्यास 2 फीट का है. कहते हैं यहां दर्शन करने से जीवन की सारी कठिनाइयां दूर हो जाती है
समुद्र तट के किनारे स्थित होने के कारण जब जब भी समुद्र में लहरों का प्रवाह बढ़ जाता है तो ये मंदिर पूरी तरह से पानी में डूब जाता है.जब ज्वार उतरता है तब ये परिसर दोबारा से नजर आने लगता है.