Shaurya Punj
हर साल 7 अगस्त के दिन राष्ट्रीय हथकरघा दिवस (National Handloom Day 2022) मनाया जाता है. इस दिन भारतीय लोकल हैंडलूम (Local Handloom) को प्रोत्साहित किया जाता है. 7 अगस्त, 2015 में प्रधानमंत्री (Narendra Modi) ने इस दिन की शुरुआत की थी.
राजस्थान के हैण्डलूम उत्पाद यहां की संस्कृति, विरासत और इतिहास को दर्शाते हैं. आप यहां के बंधनी के अलावा गोटा पट्टी, जरी और किनारी की भी शॉपिंग कर सकते हैं.
उत्तर प्रदेश में घूमने के लिए ढेर सारे टूरिस्ट स्पॉर्ट है, यहां के लखनऊ की चिकनकारी, बनारस की बनारसी साड़ी काफी मशहूर है. यहां के जरी और कढ़ाई वर्क भी काफी फेमस है.
छत्तीसगढ़ के टूर का प्लान करें तो वहां के प्रसिद्ध हस्तशिल्प बेल मेटल, लौह शिल्प, काष्ठ शिल्प, बांस शिल्प, कालीन शिल्प, गोदना शिल्प, तुमा शिल्प, टेराकोटा शिल्प, छिंद कांसा, कोसे की साड़ियां, दुपट्टा, सलवार सूट, ड्रेस मटेरियल, बेडशीट, चादर एवं विभिन्न प्रकार की तैयार वस्त्रों की खरीदारी जरूर करें.
मध्यप्रदेश घूमें तो वहां की चंदेरी, महेश्वरी एवं टीकमगढ़ का ब्रास, हैंड मेड साड़ियों के अलावा ज़री बॉर्डर वाले बैग, वॉल हैंगिंग और बेड स्प्रेड में से भी चुन सकते हैं.
तमिलनाडु राज्य के भ्रमण के दौरान कांजीवरम साड़ी की शॉपिंग करना ना भूलें. ये राज्य अपनी कांजीवरम रेशम साड़ियों के लिए जाना जाता है. यह कांजीवरम शहर के बुनकर हैं जो भारी सुनहरे धागों से पल्लू और बॉर्डर पर बुने गए भारी और समृद्ध डिजाइनों का उपयोग करते हैं.
पश्चिम बंगाल में घूमने के लिए असंख्य टूरिस्ट स्पॉर्ट हैं. बंगाल बुनाई की बालूचरी शैली के लिए भी प्रसिद्ध है. राजा-महाराजाओं के समय में यह बुनाई पूरी चांदी की जरी में की जाती थी, और अब, बुनकर अन्य रंगीन धागों के मिश्रण के साथ चांदी का भी उपयोग करते हैं. तंगेल, शांतिपुरी, ढोनोकाली और बेगमपुरी कुछ अन्य जामदानी यहां की शैलिया हैं.
जम्मू और कश्मीर राज्य अपनी सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है. इस राज्य में डिजाइनर शॉल के लिए पश्मीना सामग्री का उपयोग किया जाता हैं क्योंकि यह गर्म और मुलायम होती है. इसकी विश्व प्रसिद्ध कढ़ाई, जिसे कासिदा कहा जाता है, वर्ग और समृद्धि का एक अच्छा उदाहरण है.