Martello Tower: संताल विद्रोह का एक मात्र स्थापत्य है पाकुड़ का मार्टेलो टावर, इसका इतिहास है काफी रोचक

Shaurya Punj

हूल के खिलाफ मार्शल लॉ भी लगाया गया था. ब्रिटिश इंपायर की रक्षा के लिए 1855 में संताल विद्रोह के समय पाकुड़ के 10वें अनुमंडल पदाधिकारी सर मार्टिन ने रातोंरात पाकुड़ में मार्टिलो टावर का निर्माण कराया था. 

Martello Tower Tour | Twitter

अंग्रेजों द्वारा बनवाये गये इस टावर के 162 वर्ष बीत चुके हैं. इसमें 52 छिद्र हैं. जिसके माध्यम से अंग्रेजों ने फायरिंग कर उस दौरान तकरीबन 10 हजार संताल विद्रोहियों को रोका था.

Martello Tower Tour | Twitter

इसमें सैंकड़ों क्रांतिकारी शहीद हुए थे. मार्टिलो टावर से एक ओर जहां अंग्रेज गोलियों की बौछार करते थे, वहीं संताल क्रांतिकारी अपने बचाव में महज पारंपरिक हथियार तीर-धनुष पर ही आश्रित थे.

Martello Tower Tour | Twitter

 मार्टिलो टावर से एक ओर जहां अंग्रेज गोलियों की बौछार करते थे, वहीं संताल क्रांतिकारी अपने बचाव में महज पारंपरिक हथियार तीर-धनुष पर ही आश्रित थे.

Martello Tower Tour | Twitter

अंग्रेजी सेना की गोलियों के जवाब में क्रांतिकारियों द्वारा चलाये गये तीर के निशान आज भी मार्टिलो टावर में मौजूद हैं.

Martello Tower Tour | Twitter

मार्टिलो टावर पर्यटन के दृष्टिकोण से काफी अच्छा है. काफी संख्या में पश्चिम बंगाल, बिहार, असम, छत्तीसगढ़ सहित अन्य क्षेत्रों से सैलानी यहां पहुंचते हैं. हर पर्यटक मार्टिलो टावर का इतिहास जानने को उत्सुक रहता है

Martello Tower Tour | Twitter