Meenakshi Rai
भारत श्रीअन्न का सबसे बड़ा उत्पादक और दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है. मिलेट्स सेहत के लिए भी काफी अच्छा होता है.मिलेट्स सिर्फ प्रोटीन और फाइबर ही नहीं देते बल्कि, खाने वाले को शरीर में उत्पन्न हो रहे रोगों का निदान भी करते हैं. श्री अन्न में शामिल रागी नेचुरल कैल्शियम का सोर्स है. यह बढ़ते बच्चे और बुजुर्गों की हड्डी मजबूत करने में मदद करता है.
दरअसल श्री अन्न में पोषक तत्व ज्यादा होते हैं- इसके साथ ही बीटा-कैरोटीन, नाइयासिन, विटामिन-बी6, फोलिक एसिड, पोटैशियम, मैग्नीशियम, जस्ता आदि से ये अनाज भरपूर होते हैं-इसमें फाइबर यानी रेशा मौजूद होता है जिससे पाचन दुरुस्त होता है. इस तरह इसको खाने वाले को कब्ज की समस्या नहीं होती.
रागी का सेवन करने से हड्डियों को मजबूती मिलती है. श्री अन्न डायबिटीज तथा दिल के रोगियों के लिए भी उत्तम माना जाता है.इन्हीं सब कारणों से श्री अन्न को सुपरफूड भी कहा जाता है.
रागी प्रोटीन का एक उत्कृष्ट शाकाहारी स्रोत है. 100 ग्राम रागी से 13 ग्राम प्रोटीन मिलता है.रागी का नियमित सेवन ऑस्टियोपोरोसिस को दूर रखने में मदद करता है और फ्रैक्चर के खतरे को कम करता है.रागी एनीमिया को ठीक करने में भी मदद करता है.
रागी एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है जो आपके शरीर को मुक्त कणों से लड़ने में मदद करती है और इस प्रकार उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर देती है. एंटीऑक्सीडेंट कैंसर के खतरे को भी काफी हद तक कम करने में मदद करते हैं.
रागी मधुमेह रोगियों के लिए अच्छा है, रागी में मैग्नीशियम की मात्रा भरपूर होती है.मैग्नीशियम हमारे शरीर के इंसुलिन प्रतिरोध को कम करता है और इस प्रकार रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है.
रागी शरीर को प्राकृतिक रूप से आराम पहुंचाने में मदद करता है. यह रक्तचाप, चिंता, अवसाद, माइग्रेन, यकृत विकार, अस्थमा और हृदय की कमजोरी जैसी स्थितियों के लिए फायदेमंद है.
रागी बालों को झड़ने से रोकने में मदद करता है. ऐसा कहा जाता है कि रागी बालों को समय से पहले सफ़ेद होने से रोकता है यह आमतौर पर ऊतकों के ऑक्सीकरण और उसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट के कारण होता है.
रागी के आटे का उपयोग चपाती, भाकरी, चीला, डोसा, दलिया, केक, पैनकेक, परांठे, कुकीज़ बनाने में किया जा सकता है.