Shaurya Punj
कास के खिले फूल मां जगत जननी के आगमन का संदेश देने लगे हैं. 15 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र शुरू हो जायेगी. इस बार मां दुर्गा का आगमन हाथी पर हो रहा है और मुर्गा पर विदा होंगी.
सत्यम शिवम सुंदरम दुर्गा पूजा कमेटी झारखंड मैदान आकर्षक पूजा पंडाल के लिए कोयलांचल में अलग पहचान रखती है. इस बार समिति यहां बिचाली से काल्पनिक मंदिर की आकृति में पूजा पंडाल बनायेगी.
सत्यम शिवम सुंदरम दुर्गा पूजा कमेटी इस बार बिचाली से बना काल्पनिक मंदिर का निर्माण करने जा रही है.
इस बार पूजा का अनुमानित खर्च 18 लाख रुपये है. 12 लाख रुपये पंडाल बनाने वाले कारीगर को दिया गया है. एक लाख रुपये लाइट पर खर्च होंगे. चंदन नगर से लाइटिंग के लिए कारीगर को बुलाया जाता है.
70 हजार रुपये की मां की प्रतिमा होगी. इसे स्थानीय मूर्तिकार तन्मय पाल बना रहे हैं. बची राशि से भगवती जागरण व अन्य खर्च होगा.
पंडाल में कलश स्थापना के साथ ही मां अंबे की आराधना शुरू हो जाती है. देवधर के पुजारी लव कुमार दूबे व स्थानीय पुजारी मोनू दुबे पूजा संपन्न कराते हैं.
सप्तमी से नवमी तक माता का प्रसाद भोग वितरित किया जाता है. दसमी के दिन मां की पूजा अर्चना के साथ कलश विसर्जन कर दिया जाता है.
प्रतिमा विसर्जन से पहले सुहागिनों द्वारा सिंदूर खेला किया जाता है. मां का खोइछा भरा जाता है. चावल, मिठाई , हल्दी, जीरा व पैसा मां की खोइछा में डाल कर सुहागिनें अखंड सुहाग की प्रार्थना करती हैं.