Nutan kumari
चार दिनों तक चलने वाले महापर्व छठ का लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है. इस पूजा में भगवान सूर्य और उनकी बहन छठी मईया की उपासना की जाती है.
नहाय खाए यानी 17 नवंबर से छठ महापर्व की शुरुआत हो गई है. इस पूजा में व्रति महिलाएं नाक से सिंदूर लगाती है. जिसका खास महत्व बताया गया है. आइए जानते हैं इसके पीछे क्या वजह है.
छठ पूजा में व्रती महिलाएं पूरा श्रृंगार करती हैं. अपने इस श्रृंगार को पूरा करने के लिए वो नाक तक सिंदूर भी लगाती हैं. ऐसे में बहुत से लोगों के मन में ये सवाल उठता है कि इसके पीछे ऐसी क्या मान्यता है.
महिलाओं को पूजा के दौरान नाक से सिंदूर लगाना होता है. सिंदूर को सुहाग की निशानी मानी जाती है. छठ पूजा में महिलाएं नाक से लेकर मांग तक सिंदूर लगाती हैं.
माना जाता है कि मांग में लंबा सिंदूर भरने से पति की उम्र लंबी होती है. कहा जाता है कि विवाहित महिलाओं को सिंदूर ऐसे लगाना चाहिए जो सभी को दिखाई दे.
ये सिंदूर माथे से शुरू होकर जितनी लंबी मांग हो उतना भरा जाना चाहिए. पति की दीर्घायु के लिए ही व्रती महिलाएं छठ के पावन मौके पर नाक तक सिंदूर लगाती हैं.
हिंदू धर्म में सभी पूजा में मांग से सिंदूर लगाना शुभ माना जाता है. छठ पूजा में भी महिलाएं नाक से सिंदूर लगाती हैं. इस पर्व में व्रती 36 घंटे का निर्जना व्रत रखती है.
माथे पर सिंदूर लगाने के लिए भी कुछ खास नियम बताए गए हैं. कहा जाता है कि महिलाओं को नहाने के बाद सबसे पहले सिंदूर लगाना चाहिए.
इसके अलावा सुहागिन महिलाओं को कभी भी अपनी मांग को खाली नहीं रखना चाहिए. मान्यता है कि सिंदूर जितना लंबा होगा पति की आयु भी उतनी ही लंबी होगी.
धार्मिक मान्यता है कि इस दिन अगर कोई महिला नाक से सिर तक लंबा सिंदूर लगाती है तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और पति का उम्र में वृद्धि होती है.