विश्वकर्मा पूजा का पर्व 17 सितंबर को मनाया जायेगा. इस दिन सूर्य कन्या राशि में प्रवेश कर रहा है इसलिए कन्या संक्रांति (Kanya Sankranti) भी मनाई जायेगी.
इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग में विश्वकर्मा पूजा मनाया जाएगा. विश्वकर्मा पूजा के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग प्रात: 06 बजकर 07 मिनट से अगले दिन 10 सितंबर को प्रात: 03 बजकर 36 मिनट तक बना रहेगा
विश्वकर्मा पूजा विधि: इस दिन सूर्य निकलने से पहले स्नान आदि करके पवित्र हो जाना चाहिए. इसके बाद रोजाना उपयोग में आने वाली मशीनों को साफ किया जाता है.
पूजा में भगवान विष्णु के साथ-साथ भगवान विश्वकर्मा की भी तस्वीर शामिल करें. इसके बाद दोनों ही देवताओं को कुमकुम, अक्षत, अबीर, गुलाल, हल्दी, व फूल, फल, मेवे, मिठाई इत्यादि अर्पित करें.
आटे की रंगोली बनाएं और उनके ऊपर सात तरह के अनाज रखें. पूजा में जल का एक कलश भी शामिल करें. धूप दीप इत्यादि दिखाकर दोनों भगवानों की आरती करें.
विश्वकर्मा पूजा मंत्र ओम आधार शक्तपे नम:, ओम कूमयि नम:, ओम अनन्तम नम:, पृथिव्यै नम:
विश्वकर्मा पूजा करने वाले सभी लोगों को इस दिन अपने कारखाने, फैक्ट्री बंद रखनी चाहिए. विश्वकर्मा पूजा के दिन औजारों और मशानों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. विश्वकर्मा पूजा के दिन तामसिक भोजन (मांस-मदिरा) का सेवन नहीं करना चाहिए. अपने रोजगार में वृद्धि के लिए गरीबों और असहाय लोगों को दान-दक्षिणा जरूर दें.