भगवद गीता ने बदली पैरालिंपिक में ब्रॉन्ज मेडलिस्ट शरद की जिंदगी, पदक जीतने के एक दिन पहले हो गए थे चोटिल

Prabhat khabar Digital

गत चैंपियन मरियप्पन थंगावेलु और शरद कुमार ने मंगलवार को पुरुष ऊंची कूद टी42 स्पर्धा में क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीते.

| फोटो - ट्वीटर

मरियप्पन ने 1.86 मीटर के प्रयास के साथ रजत पदक अपने नाम किया, जबकि शरद ने 1.83 मीटर के प्रयास के साथ कांस्य पदक जीता.

| फोटो - ट्वीटर

शरद कुमार घुटने की चोट के कारण स्पर्धा से नाम वापस लेना चाहते थे, लेकिन भारत में परिवार से बात करने और स्पर्धा से एक रात पहले भगवद् गीता पढ़ने से उन्हें चिंताओं से निजात मिली.

| फोटो - ट्वीटर

शरद ने पदक जीतने के बाद कहा कि चोट लगने के बाद पूरी रात रोता रहा. परिवार से बात की, तो पिता ने मुझे भगवद् गीता पढ़ने की सलाह दी.

| फोटो - ट्वीटर

शरद ने कांस्य जीतने के बाद यह भी बताया कि दो वर्ष की उम्र में पोलियो की नकली खुराक दिये जाने से शरद के बायें पैर में लकवा मार गया था.

| फोटो - ट्वीटर

मरियप्पन ने 1.86 मीटर के प्रयास के साथ रजत पदक अपने नाम किया, जबकि अमेरिका के सैम ग्रेव ने अपने तीसरे प्रयास में 1.88 मीटर की कूद के साथ सोने का तमगा जीता.

| फोटो - ट्वीटर

बता दें कि टी42 वर्ग में उन खिलाड़ियों को रखा जाता है जिनके पैर में समस्या है, पैर की लंबाई में अंतर है, मांसपेशियों की ताकत और पैर की मूवमेंट में समस्या है.

| फोटो - ट्वीटर