टोक्यो ओलंपिक में 5 अगस्त का दिन काफी ऐतिहासिक रहा. भारतीय हॉकी टीम ने 41 साल के इंतजार को खत्म कर ब्रॉन्ज मेडल जीता. इसके बाद भारतीय पहलान रवि कुमार दहिया ने 57 किग्रा वेट कैटेगरी के फाइनल में सिल्वर मेडल जीता.
| फोटो - इंस्टाग्राम
दहिया को पुरुषों के 57 किग्रा भार वर्ग में रजत पदक मिला है. 23 वर्षीय दहिया कुश्ती में ओलंपिक रजत पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय पहलवान बन गये हैं और यह भारत का कुश्ती में कुल छठा पदक है.
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बता दें कि फाइनल में रवि रूसी ओलंपिक समिति के मौजूदा विश्व चैंपियन जावुर युगुएव से 4-7 से हार गये जिससे उनकी देश का सबसे युवा ओलंपिक चैंपियन बनने की उम्मीद पूरी नहीं हो सकी.
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फाइनल में मिली हार के बाद रवि ने कहा कि ‘उसकी शैली बहुत अच्छी थी. मैं अपने हिसाब से कुश्ती नहीं लड़ पाया। मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या कर सकता हूं. उसने बहुत चतुरता से कुश्ती लड़ी.
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हरियाणा सरकार ने ऐतिहासिक सिल्वर मेडल अपने नाम करने वाले पहलवान रवि के लिए 4 करोड़ रुपये और क्लास-1 की नौकरी का ऐलान किया. साथ ही हरियाणा में अपनी इच्छानुसार प्लॉट खरीदने पर 50% कंसेशन देने की बात भी कही.
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हरियाणा सरकार ने उनके लिए चार करोड़ रुपये के नकद पुरस्कार की घोषणा पर दहिया ने कहा कि वह केवल पैसे के बारे में नहीं सोच रहे थे और उनका ध्यान केवल ओलिंपिक स्वर्ण पदक जीतने पर था.
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रवि ने टोक्यो में शानदार शुरुआत करते हुए अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया था. उन्होंने सेमीफाइनल में पीछे चल रहे होने के बावजूद कजाखस्तान के नूरइस्लाम सनायेव को हराकर फाइनल में प्रवेश कर भारत के लिए पदक पक्का कर लिया था.
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