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आधुनिक उपभोक्ता की जरूरतों को पूरा करने को लेकर माइक्रोवेव में खाना बनाने के लिए कुकिंग के बर्तन जल्द ही बाजार में उपलब्ध होंगे.
आईआईटी मद्रास के ग्रामीण प्रौद्योगिकी कार्य समूह (आरयूटीएजी) ने तमिलनाडु के पेरुमुदिवाक्कम गांव में कुम्हारों की सहायता के लिए सुविधा केंद्र स्थापित की है.
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड और सेंटर फॉर सोशल डेवलपमेंट के दक्षिणी क्षेत्र पाइपलाइन डिवीजन से सीएसआर फंडिंग की सहायता कुम्हारों को मिलेगी.
नागरकोइल के एनजीओ तिरुवल्लुर में कार्यान्वयन भागीदार के रूप में कुम्हारों के साथ मिलकर कुकिंग के बर्तन समेत अन्य उत्पाद बनाने में मदद करेंगे.
आईआईटी मद्रास ने कुम्हारों की सहायता के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए सेंट्रल ग्लास और सिरेमिक रिसर्च इंस्टीट्यूट के साथ सहयोग किया है.
आईआईटी मद्रास की पहल से कुम्हारों को बाजार में बने रहने में मदद मिलेगी और उनके उत्पादों का बाजार मूल्य भी मिल सकेगा. कुम्हारों की आमदनी में तीन से चार गुना बढ़ोतरी हो सकेगी.