टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने कहा कि खिलाड़ियों को खुद को तरोताजा करने के लिए बायो-बबल (जैव-सुरक्षित माहौल) से ‘समय-समय पर विश्राम' देने की जरूरत है.
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कोहली ने कहा कि महामारी के कारण क्रिकेट की कमी की भरपाई करने के लिए खिलाड़ियों की सेहत को जोखिम में डालने से खेल को कोई फायदा नहीं होगा. कोहली ने कहा कि खेल और खिलाड़ियों को लेकर संतुलित दृष्टिकोण रखना जरूरी है.
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उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को समय-समय पर ब्रेक देना महत्वपूर्ण है, जहां वे मानसिक रूप से तरोताजा हो सके और ऐसी परिस्थितियों में ढल सकें जहां फिर से प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार हो. यह महत्वपूर्ण है.
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उन्होंने कहा कि आगे चलकर यह जरूरी है कि इस बात पर विचार किया जाए. मैं समझता हूं कि लंबे समय से दुनिया में क्रिकेट नहीं हुआ, लेकिन इसकी भरपाई के लिए अगर आप किसी खिलाड़ी को जोखिम लेने के लिए कहते हैं, तो मुझे नहीं लगता कि विश्व क्रिकेट को इससे कोई फायदा होगा.
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बायो-बबल से जुड़ी मुश्किल परिस्थितियों के कारण मानसिक तनाव दुनिया भर में चर्चा का विषय रहा है. इसने अंतरराष्ट्रीय टीमों के कई खिलाड़ियों को प्रभावित किया है.
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कोहली ने कहा कि कोई भी बायो-बबल में किसी व्यक्ति की मानसिक स्थिति का अंदाजा नहीं लगा सकता ऐसे में टीम प्रबंधन के लिए खिलाड़ियों से इस मुद्दे पर बात करना जरूरी हो जाता है.
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भारतीय कप्तान ने कहा कि खिलाड़ियों को यह बताने की जरूरत है कि उन्हें कहां रखा गया है, वे क्या चाहते हैं. आप व्यक्तिगत रूप से यह नहीं बता सकते कि बायो-बबल में कौन मानसिक रूप से किस स्तर पर है. अगर आप पांच-छह लोगों को खुश देखते हैं, तो आप यह निर्धारित नहीं कर सकते कि सभी 15-16 लोग ऐसा ही महसूस कर रहे हैं.
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