Anand Shekhar
बिहार के करीब साढ़े तीन लाख से अधिक नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा मिलने का रास्ता साफ हो गया है. इन्हें विद्यालय शिक्षकों के बराबर लाने के लिए शिक्षा विभाग ने बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली सार्वजनिक की है.
नियमावली के मुताबिक स्थानीय निकाय के विभिन्न स्तरों पर नियुक्त सभी नियोजित शिक्षक सक्षमता परीक्षा पास करने के बाद विशिष्ट शिक्षक कहे जायेंगे.
परीक्षा पास करने के लिए नियोजित शिक्षकों के पास तीन मौके होंगे. अगर पास हो गए तो ठीक नहीं तो सेवा से हटा दिए जाएंगे. इन्हें मूल वेतन 25 से 32 हजार रुपये तक मिलेंगे
.कक्षा एक से पांचवी तक के विशिष्ट शिक्षकों (मध्य विद्यालय के शारीरिक शिक्षकों सहित) का मूल वेतन 25 हजार रुपया होगा.
कक्षा छह से आठ वीं तक के विशिष्ट शिक्षकों को मूल वेतन के रूप में 28 हजार रुपये दिये जायेंगे.
कक्षा नौ वीं से 10 वीं के विशिष्ट शिक्षकों का मूल वेतन 31 हजार रुपया होगा.
कक्षा 11 वीं और कक्षा 12 वीं के विशिष्ट शिक्षक लिए 32 हजार रुपया मूल वेतन तय किया गया है.
इसके अलावा इन शिक्षकों को राज्य सरकार की प्रचलित दरों के अनुसार महंगाई भत्ता, मकान किराया भत्ता, चिकित्सा भत्ता और शहरी परिवहन भत्ता की दिया जाएगा.
इन विशिष्ट शिक्षकों को प्रोन्नति भी दी जायेगी. इसके लिए तय नियमों के मुताबिक विशिष्ट शिक्षकों की अगली श्रेणी में प्रमोशन के लिए आठ साल की सेवा अवधि जरूरी होगी.