Anand Shekhar
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने जाति आधारित गणना की रिपोर्ट पर चर्चा के लिए गणना की पहल में शामिल सभी नौ दलों की बैठक मंगलवार अपराह्न साढ़े तीन बजे बुलाई है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बैठक में एक-एक चीजों का प्रजेंटेशन दिया जायेगा. सबकी राय लेकर आगे कदम उठाएंगे. जातीय गणना के साथ-साथ एक-एक परिवार की आर्थिक स्थिति की जानकारी ले ली गई है, उसकी रिपोर्ट भी जारी होगी
बिहार में जाति आधारित गणना कराये जाने का प्रस्ताव 18 फरवरी 2019 को विधानसभा व विधान परिषद द्वारा पारित किया गया था.
इसके बाद 23 अगस्त 2021 को सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में जाति आधारित गणना कराने को लेकर प्रधानमंत्री से मिला
बिहार में जाति आधारित गणना कराने के प्रस्ताव को 1 जून 2022 को सर्वदलीय बैठक में सर्वसम्मति से पारित किया गया. 2 जून 2022 को सर्वे कराने के प्रस्ताव पर राज्य मंत्रिपरिषद की मुहर लग गई. फरवरी 2023 तक इसे पूरा कराने का निर्णय लिया गया
गणना दो चरणों में की गई. पहले चरण में 7 जनवरी 2023 से 31 जनवरी 2023 तक मकानों का नंबरीकरण किया गया. दूसरे चरण में व्यक्तियों की गणना का काम 15 अप्रैल 2023 को शुरू किया गया.
राज्य मंत्रिपरिषद के निर्णय के आधार पर जाति आधारित गणना कराने की जिम्मेवारी सामान्य प्रशासन विभाग को सौंपी गयी. युद्ध स्तर पर गणना का कार्य किया गया. इसके बाद 5 अगस्त 2023 को सारे आंकड़े मोबाइल ऐप के जरिए जमा कर दिए गए