Paralympic 2020 : ये हैं भारत के 10 पदकवीर, जिसने दिव्यांगता को बनाया हथियार और रच दिया टोक्यो में इतिहास

Prabhat khabar Digital

अवनि लेखरा (गोल्ड) -

अवनि लेखरा (गोल्ड) - लेखरा ने महिलाओं के आर-2 10 मीटर एयर राइफल के क्लास एसएच1 में स्वर्ण पदक जीतकर भारतीय खेलों में नया इतिहास रचा. जयपुर की रहने वाली यह 19 वर्षीय निशानेबाज पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गयी हैं. उनकी रीढ़ की हड्डी में 2012 में कार दुर्घटना में चोट लग गयी थी. उन्होंने 249.6 अंक बनाकर विश्व रिकार्ड की बराबरी की. यह पैरालंपिक खेलों का नया रिकार्ड है.

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सुमित अंतिल (गोल्ड) -

सुमित अंतिल (गोल्ड) - हरियाणा सोनीपत के रहने वाले 23 साल के सुमित अंतिल ने भाला फेंक में रिकार्ड प्रर्दशन कर भारत को दूसरा गोल्ड दिलाया. उन्होंने पांचवें प्रयास में 68.55 मीटर दूर तक भाला फेंका जो दिन का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन और एक नया विश्व रिकार्ड था. 2015 में मोटरबाइक दुर्घटना में उन्होंने बायां पैर घुटने के नीचे से गंवा दिया था.

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देवेंद्र झाझरिया (सिल्वर) -

देवेंद्र झाझरिया (सिल्वर) - एथेंस 2004 और रियो 2016 में गोल्ड मेडल जीतने वाले 40 साल के झाझरिया ने एफ46 वर्ग में 64.35 मीटर भाला फेंककर अपना पिछला रिकार्ड तोड़ा और सिल्वर मेडल पर कब्जा जमाया.

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सुंदर सिंह गुर्जर (ब्रॉन्ज) -

सुंदर सिंह गुर्जर (ब्रॉन्ज) - जैवलिन थ्रो में सुंदर सिंह गुर्जर ब्रॉन्ज मेडल जीता. वह पुरुषों के भाला फेंक के एफ46 स्पर्धा में झाझरिया के बाद दूसरे स्थान पर रहे. गुर्जर ने 64.01 मीटर भाला फेंका जो उनका इस सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. 25 साल के एथलीट ने 2015 में एक दुर्घटना में अपना बायां हाथ गंवा दिया था. जयपुर के रहने वाले गुर्जर ने 2017 और 2019 विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीते थे.

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योगेश कथूनिया (सिल्वर) -

योगेश कथूनिया (सिल्वर) - भारत के योगेश कथूनिया ने पैरालंपिक खेलों में पुरुषों की डिस्कस थ्रो के एफ56 वर्ग में इस सत्र का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए सिल्वर मेडल जीता. आठ साल की उम्र में लकवाग्रस्त होने वाले योगेश ने अपने छठे और अंतिम प्रयास में 44.38 मीटर चक्का फेंककर दूसरा स्थान हासिल किया.

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सिंहराज अडाना (ब्रॉन्ज) -

सिंहराज अडाना (ब्रॉन्ज) - भारतीय निशानेबाज सिंहराज अडाना ने पैरालंपिक खेलों में पी1 पुरुष 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच1 स्पर्धा में कांस्य पदक जीता. अडाना ने कुल 216.8 अंक बनाकर तीसरा स्थान हासिल किया.

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मरियप्पन थंगावेलु (सिल्वर) -

मरियप्पन थंगावेलु (सिल्वर) - पुरुष ऊंची कूद टी42 स्पर्धा में मरियप्पन थंगावेलु ने सिल्वर मेडल जीता. मरियप्पन ने 1.86 मीटर के प्रयास के साथ सिल्वर जीता. रियो में स्वर्ण पदक जीतने वाले मरियप्पन टोक्यो ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में भारत के ध्वजवाहक थे.

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शरद कुमार (ब्रॉन्ज) -

शरद कुमार (ब्रॉन्ज) - शरद ने पुरुष ऊंची कूद टी42 स्पर्धा में भारत के लिए ब्रॉन्ज मेडल जीता. शरद ने 1.83 मीटर के प्रयास के साथ कांस्य पदक जीता. पटना के रहने वाले कुमार को दो बरस की उम्र में पोलियो की नकली खुराक लेने के बाद बायें पैर में लकवा मार गया था. वह दो बार एशियाई पैरा खेलों में स्वर्ण पदक जीत चुके हैं.

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भाविनाबेन पटेल (सिल्वर) -

भाविनाबेन पटेल (सिल्वर) - भाविनाबेन पटेल ने भारत के लिए सबसे पहला पदक जीता. बारह साल की उम्र में पोलियो से ग्रस्त होने वाली भाविनाबेन टेबल को टेबल टेनिस क्लास 4 स्पर्धा के महिला एकल फाइनल में दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी चीन की झाउ यिंग के खिलाफ 0-3 से शिकस्त के बाद सिल्वर से संतोष करना पड़ा.

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निषाद कुमार (सिल्वर) -

निषाद कुमार (सिल्वर) - निषाद कुमार ने पुरूषों की हाई जंप टी47 स्पर्धा में एशियाई रिकार्ड के साथ रजत पदक जीता. 21 वर्षीय निषाद कुमार ने 2.06 मीटर की कूद लगाकर एशियाई रिकार्ड बनाया.

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