Paralympic 2020: गोल्ड मेडलिस्ट प्रमोद भगत की सफलता के पीछे 'क्रिकेट के भगवान' का हाथ, देखें यादगार तसवीरें

Prabhat khabar Digital

टोक्यो पैरालंपिक 2020 खेलों के गोल्ड मेडलिस्ट बैडमिंटन खिलाड़ी प्रमोद भगत ने क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर को लेकर बड़ा खुलासा किया है. भगत ने कहा कि उनकी सफलता के पीछे सचिन का ही हाथ रहा है.

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सचिन तेंदुलकर के साथ छोटी मुलाकात के बाद प्रमोद भगत ने कहा, उन्होंने खेल के दौरान कैसे शांत और एकाग्र रहना है, इसकी शिक्षा सचिन तेंदुलकर से ही ली है.

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भगत ने पिछले सप्ताह टोक्यो पैरालंपिक के एसएल 3 वर्ग के फाइनल में ब्रिटेन के डेनियल बेथेल पर सीधे गेम में जीत के साथ भारत का पहला (बैडमिंटन में) पैरालंपिक स्वर्ण पदक जीता.

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चार साल की उम्र में पोलियो से ग्रसित होने वाले 33 साल के इस भारतीय ने फाइनल के दूसरे सेट में आठ अंक से पिछड़ने के बाद शानदार वापसी करते हुए जीत दर्ज की थी.

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भगत ने कहा, मैं बचपन में क्रिकेट खेला करता था. उस दौरान हम दूरदर्शन पर क्रिकेट देखते थे और मैं हमेशा सचिन तेंदुलकर के शांत और एकाग्र व्यवहार से प्रभावित होता था. परिस्थितियों से निपटने के उनके तरीके का मुझ पर बहुत प्रभाव पड़ा.

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फाइनल के दूसरे गेम जब मैं 4-12 से पिछड़ रहा था तब भी मुझे विश्वास था कि मैं वापसी कर सकता हूं. मैंने भावनाओं पर काबू रखने के साथ एकाग्रता बनाए रखी और वापसी कर मुकाबला अपने नाम किया.

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टोक्यो से स्वदेश लौटने के बाद भगत ने तेंदुलकर से मुलाकात की थी. उन्होंने इस महान क्रिकेटर को पैरालंपिक फाइनल में इस्तेमाल किये गये अपने रैकेट को उपहार में दिया. तेंदुलकर ने उन्हें एक ऑटोग्राफ वाली टी-शर्ट और अपनी आत्मकथा की किताब दी.

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भगत ने कहा, जब मैंने 2005 में बैडमिंटन शुरू किया तो मुझे लगता था कि कोई भविष्य नहीं है, लेकिन मैंने 2009 विश्व चैंपियनशिप का खिताब जीता और एक बार बीडब्ल्यूएफ (विश्व बैडमिंटन महासंघ) ने पैरा-बैडमिंटन को मान्यता दी तो चीजें धीरे-धीरे बदल गईं.

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