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टोक्यो ओलिंपिक में भारत की युवा बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन ने यहां ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए ब्रॉन्ज मेडल जीता था. मुंक्केबाजी में लवलीना ने देश को 9 साल बाद पदक दिलाया था.
लवलीना बोरगोहेन आज यानि दो अक्टूबर को वह अपना 24वां जन्मदिन मना रही हैं.
लवलीना के ओलिंपिक मेडल तक का सफर काफी खास रहा है. लवलीना असम के गोलाघाट जिले के बड़ा मुखिया गांव की रहने वाली हैं.
बता दें कि बचपन में लवलीना के पिता उनके लिए अख़बार के एक टुकड़े में मिठाई लपेटकर लाए थे. उस मुड़े-तुड़े काग़ज़ में कोई ख़बर सलामत नहीं थी, सिवाय एक तस्वीर के.
वह फोटो थी दिग्गज मुक्केबाज मोहम्मद अली की. लवलीना ने पिता से उस तस्वीर वाले शख़्स के बारे में पूछा. पिता टिकेन ने बेटी को अली की पूरी कहानी सुनाई
उसी के बाद लवलीना ने तय कर लिया कि उन्हें भी बॉक्सर बनना है, बिल्कुल मोहम्मद अली की तरह.
लवलीना केवल तीसरी भारतीय बॉक्सर, जो यह उपलब्धि हासिल कर सकीं. उनसे पहले विजेंदर सिंह और मैरीकॉम को ओलिंपिक्स के पोडियम पर चढ़ने का मौका मिला था.