IND vs ENG: पिता के निधन के गम ने मोहम्मद सिराज को बनाया 'फौलाद', अंग्रेजों पर बरपा रहे कहर, देखें तसवीरें

Prabhat khabar Digital

Mohammed Siraj

टीम इंडिया को मोहम्मद सिराज (Mohammed Siraj) के रूप में तेज गेंदबाजी में नया हथियार मिल चुका है. जो न केवल अपनी बाउंसर से बल्लेबाजों को परेशान करता है, बल्कि आंखों से आंखें मिलाकर बातें करता है. जी, हां यहां बात हो रही है मोहम्मद सिराज की. लॉर्ड्स टेस्ट में सिराज ने घातक गेंदबाजी का प्रदर्शन किया. उन्होंने अपनी तेज गेंद से अंग्रेजों को जमकर परेशान किया. यही नहीं मैदान पर सिराज का एग्रेशन भी नजर आया.

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सिराज पहली बार तब फोकस में आये थे, जब टीम इंडिया पिछले साल ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गयी थी. ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टेस्ट शृंखला में 13 विकेट चटकाकर सिराज रातों रात स्टार बन गए. दौरे के बीच में ही सिराज पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था. ऑस्ट्रेलिया दौरे के बीच में ही सिराज को खबर मिली कि बीमारी के कारण उनके पिता का निधन हो गया है.

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सिराज के साथ-साथ पूरी टीम उस समय कोरेंटिन में थी. इसका मतलब था कि टीम के कोई भी साथी खिलाड़ी उस दौरान गम को साझा करने उसके कमरे में नहीं जा सकता था. सिराज ने उस समय खुद को संभाला, फिर पिता के सपने का साकार करने के लिए ऑस्ट्रेलिया में ही रूक गये और टीम इंडिया को जीत दिलाने में बड़ी भूमिका निभायी. भारत लौटने के बाद पिता के कब्र में जाकर सिराज काफी रोये भी थे.

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उस घटना ने सिराज को फौलाद बना दिया है. इंग्लैंड दौरे में उनकी गेंदबाजी में धार नजर आती है, जो बड़े-बड़े बल्लेबाजों को धराशायी कर सकता है. सिराज को लेकर एक किताब लिखी गयी है, जिसमें सारी घटनाओं का जिक्र किया गया है.

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लेखक बोरिया मजूमदार और कुशान सरकार ने अपनी किताब ‘मिशन डॉमिनेशन: एन अनफिनिश्ड क्वेस्ट' में लिखा है कि भारतीय टीम को हमेशा से पता था कि सिराज के अंदर सफलता हासिल करने का जज्बा है.

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किताब में बताया गया है कि जब सिराज पर गमों का पहाड़ टूटा था, तो उन्हें संभालने के लिए टीम के साथी पूरे दिन उसके साथ वीडियो कॉल पर बात करते थे. वे चिंतित थे कि कहीं वह कुछ गलत ना कर ले या खुद को नुकसान ना पहुंचा ले.

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किताब के अनुसार, सिराज कई मौकों पर टूट गए जो स्वाभाविक था लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी. वह भारत के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की अपने पिता की इच्छा पूरी करना चाहते थे और जब मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर बॉक्सिंग डे टेस्ट के दौरान मौका मिला तो वह उसे हाथ से नहीं जाने देना चाहते थे.

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