Radheshyam Kushwaha
विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर 2023 दिन रविवार को है. इस दिन भगवान विश्कर्मा की पूजा करनी चाहिए. इसके साथ ही इस दिन यज्ञ इत्यादि का भी आयोजन किया जाता है. पूजन में विश्वकर्मा भगवान का ध्यान करना चाहिए है.
पंचांग के अनुसार 17 सितंबर 2023 दिन रविवार को की जाएगी. वैसे तो देवशिल्पी भगवान विश्वकर्मा की पूजा दिन भर होगी, लेकिन इनकी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 17 सितंबर की सुबह 10 बजकर 15 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक रहेगा.
विश्वकर्मा भगवान सभी शिल्पकारों और वास्तुकारों के इष्टदेव हैं. ब्रह्मा के पुत्र और संपूर्ण ब्रह्मांड के दिव्य शिल्पकार है. भगवान विश्वकर्मा ने ही इंद्रपुरी, द्वारिका, हस्तिनापुर, स्वर्गलोक, लंका और जगन्नाथपुरी का निर्माण करवाया था. इसके साथ ही भगवान शिव का त्रिशूल और विष्णु भगवान का सुदर्शन चक्र भी तैयार किया था.
कलियुग में भगवान विश्वकर्मा की पूजा इसलिए जरूरी मानी गई है, क्योंकि आज के युग में हर व्यक्ति तकनीक से जुड़ा हुआ है. वाहन, मोबाइल, टैब और लैपटॉप के बिना भी कोई काम संभव नहीं है. इसलिए विश्वकर्मा पूजा करना सभी के लिए जरूरी है.
17 सितंबर को भगवान ब्रह्मा के सातवें पुत्र विश्वकर्मा जी का जन्म हुआ था, जब ब्रह्म जी ने इस संसार की रचना की थी तो उन्होंने इसको सजाने और संवारने का काम विश्वकर्मा जी को ही सौंपा था. विश्वकर्मा जी इस संसार के पहले शिल्पकार थे.
विश्वकर्मा पूजा के दिन औजारों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, क्योंकि भगवान विश्वकर्मा को देवताओं का शिल्पकार माना जाता है. इस दिन मांस-मंदिरा से दूर रहना चाहिए वरना आपके रोजगार और व्यापार पर बुरा असर पड़ सकता है.