Radheshyam Kushwaha
Vishwakarma Puja 2023 Date: भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि प्रथम शिल्पकार के रूप में पूजा जाता है. इस साल विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर 2023 दिन रविवार को है.
हर साल कन्या संक्रांति के दिन विश्वकर्मा जयंती मनाई जाती है. 17 सितंबर का दिन देवी देवताओं के शिल्पकार भगवान विश्वकर्मा को समर्पित है.
शास्त्रों के अनुसार, कन्या संक्रांति के दिन ब्रह्मा जी के पुत्र भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ था. इन्हें स्वर्ग लोक, पुष्पक विमान, कुबेरपुरी जैसे सभी देवनगरी का रचनाकार कहा जाता है.
इस साल विश्वकर्मा पूजा पर 50 साल बाद बेहद दुर्लभ संयोग बन रहा है. जिससे लोगों को करियर में बहुत लाभ मिलेगा, बस इस दिन कुछ खास उपाय जरुर करें.
सुबह का मुहूर्त - 17 सितंबर 2023 दिन रविवार को सुबह 07 बजकर 50 मिनट से दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक
दोपहर का मुहूर्त - 17 सितंबर 2023 दिन रविवार दोपहर 01 बजकर 58 मिनट से दोपहर 03 बजकर 30 मिनट तक
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार करीब 50 साल बाद विश्वकर्मा पूजा के दिन कई दुर्लभ योग बन रहे है. इनमें अमृत योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, ब्रह्म योग और द्विपुष्कर योग शामिल हैं. ये सभी शुभ योग आपके मनोकामनाओं की पूर्ति में सहायक होंगे.
सर्वार्थ सिद्धि योग - 17 सितंबर 2023 को सुबह 06 बजकर 07 मिनट से सुबह 10 बजकर 02 मिनट तक
द्विपुष्कर योग - 17 सितंबर 2023 को सुबह 10 बजकर 02 मिनट से सुबह 11 बजकर 08 मिनट तक
ब्रह्म योग - 17 सितंबर 2023 को प्रात: 04 बजकर 13 मिनट से 18 सितंबर 2023 को सुबह 04 बजकर 28 मिनट तक
अमृत सिद्धि योग - 17 सितंबर 2023 को सुबह 06 बजकर 07 मिनट से सुबह 10 बजकर 02 मिनट तक
17 सितंबर को शुभ मुहूर्त में भगवान विश्वकर्मा की पूजा करें, उन्हें फूल, हल्दी, कुमकुम, नारियल अर्पित करें. अब इस दिन कुष्ट रोगियों को फल, जल या अन्न पेय पदार्थ बांटें.
विश्वकर्मा जयंती के दिन कार्यस्थल पर मशीनरी की पूजा कर ऊं आधार शक्तपे नम: मंत्र का जाप करें. मान्यता है इससे व्यापार अच्छा फलफूलता है.