शारदीय नवरात्रि कब है, जानें सही डेट और कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

Radheshyam Kushwaha

नवरात्रि का विशेष महत्व

हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है. हर वर्ष चार नवरात्रि आती है. जिसमें मुख्य नवरात्रि चैत्र और शारदीय नवरात्रि होती है. नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा करने का विधान है.

Shardiya Navratri 2023 | social media

शारदीय नवरात्रि

शारदीय नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री देवी की विधिवत पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है.

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इस दिन से शारदीय नवरात्रि शुरू

आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के साथ शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 15 अक्टूबर 2023 दिन रविवार से हो रही है, जो 23 अक्टूबर 2023, मंगलवार को समाप्त होगी.

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आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि आरंभ

आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि आरंभ 14 अक्टूबर 2023 दिन शनिवार को रात 11 बजकर 24 मिनट पर होगी. वहीं आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि समापन 15 अक्टूबर दिन रविवार को देर रात 12 बजकर 32 मिनट पर होगी.

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शारदीय नवरात्रि कलश स्थापना का मुहूर्त

शारदीय नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि के दिन कलश स्थापना करना शुभ माना जाता है. इस दिन 15 अक्टूबर को 11 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक कलश स्थापना करना लाभकारी सिद्ध होगा.

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मां दुर्गा की सवारी

नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा धरती पर ही वास करती हैं. ऐसे में वह किसी न किसी वाहन में सवार होकर आती है. नवरात्रि की शुरुआत जिस दिन होती है. उस दिन के आधार पर उनकी सवारी तय होती है.

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हाथी पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा

इस साल नवरात्रि की शुरुआत रविवार के दिन से हो रही है. इसलिए इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आएंगी. हाथी को ज्ञान और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. ऐसे में मां दुर्गा अपन साथ ढेर सारी खुशियां और सुख-समृद्धि लेकर आती हैं.

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