Radheshyam Kushwaha
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि दोष को सभी प्रकार के दोषों में सबसे ज्यादा कष्टदायक माना गया है. यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि दोष का योग है तो जातक को लक्षण स्वयं ही दिख जाते है.
शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है इस तरह शनि दोष व्यक्ति के कर्मों पर निर्भर करता है. शनिदेव व्यक्ति के बुरे कर्मों का दंड उन्हें प्रदान करते है.
जब व्यक्ति की राशि में शनि दोष लगता है तो उसे अपने जीवन में कई तरहे के संघर्षों से जूझना पड़ता है. आजीविका चलाने के लिए कई उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है.
समय से पहले आंखें कमजोर होना.
कम उम्र में बाल अत्यधिक झड़ना.
सर में अधिक दर्द रहना.
नास्तिक होना या भगवान का हर बात में मजाक बनाना.
अपने से बड़े-बुजुर्गों का अपमान करना.
चोरी करना, जुआ खेलना और सट्टे लगाना.
मस्तिष्क में सदैव द्वन्द रहना.
जरूरत से ज्यादा आलसी और चालाक होना.