Radheshyam Kushwaha
रक्षा बंधन का त्योहार भाई बहनों के प्यार को स्नेहरुपी धागों में बांध के रखता है. यह पर्व भाई और बहन के रिश्तों की अटूट डोर का प्रतीक है. हर साल रक्षाबंधन का पर्व सावन मास की पूर्णिमा तिथि में मनाया जाता है.
इस साल रक्षाबंधन का त्योहार दो दिन मनाया जाएगा. इसका कारण भद्रा बताया जा रहा है. रक्षाबंधन का त्योहार हर साल शुल्क पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. लेकिन भद्रा काल में राखी बांधना अशुभ माना गया है.
इस साल 30 अगस्त 2023 का रक्षाबंधन है. लेकिन इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी नहीं बांध सकेंगी. क्योंकि पूर्णिमा तिथि शुरू होने के साथ ही भद्रा का साया प्रारंभ हो रहा है.
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 30 अगस्त दिन बुधवार की रात 9 बजकर 01 मिनट से अगले दिन 31 अगस्त दिन गुरुवार की सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक मनाया जा सकता है.
रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त 30 अगस्त 2023 दिन बुधवार की रात 09 बजकर 01 मिनट से 31 अगस्त दिन गुरुवार की सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक रहेगा. लेकिन 31 अगस्त को सावन पूर्णिमा सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक है, इस समय भद्रा काल नहीं है.
31 अगस्त को बहनें अपने भाई को राखी बांध सकती हैं, लेकिन राखी बांधते समय Raksha Bandhan Muhurat का ध्यान जरूर रखें. 30 अगस्त को राखी बांधने का मुहूर्त- रात 9 बजकर 01 मिनट से लेकर 31 अगस्त को सूर्योदय काल से सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक है.
रक्षाबंधन के दिन बहन भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधकर उसकी तरक्की की कामना करती हैं. वहीं भाई, बहन की रक्षा और उसे खुशियां प्रदान करने का वचन देता.
मान्यता के अनुसार, सबसे पहले रक्षाबंधन देवराज इंद्र और उनकी बहन इंद्राणी ने मनाया था. इस संसार में सबसे पहले इंद्राणी ने देवराज इंद्र को रखी बांधी थी.