Radheshyam Kushwaha
सनातन धर्म में पितृ ऋण का सबसे ज्यादा महत्व माना जाता है. पितृ ऋण पूर्वज और माता-पिता से जुड़ा होता है.
इस साल पितृ पक्ष की शुरुआत 29 सितंबर 2023 पूर्णिमा से हो रही है. ये पितृ पक्ष अमावस्या यानी 14 अक्टूबर तक समाप्त होगा.
पितृ पक्ष के दौरान पितरों का श्राद्ध किया जाता है, ताकि उन्हें मुक्ति मिल सके. इस अवधि में श्राद्ध करने से व्यक्ति को पितृ दोष से राहत मिलती है.
पितृ पक्ष की हर अमावस्या को पितरों के लिए तर्पण किया जाता है. लेकिन इसके लिए तिथि का ध्यान हमेशा रखना चाहिए. गलत तिथि पर श्राद्ध कभी भी भूलकर नहीं किया जाना चाहिए.
श्राद्ध वाले दिन घर के लोगों को बाहर का खाना नहीं खाना चाहिए. वहीं पितृ पक्ष के 16 दिन सिर्फ सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए.
श्राद्ध के दौरान प्याज और लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए, इसे तामसिक माना जाता है. वहीं किसी के साथ भी बुरा व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए.
पितृ पक्ष के दौरान मांस, मछली, अंडा और शराब का सेवन भी नहीं किया जाना चाहिए. इसके साथ ही शादी, विवाह, मुंडन और गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य भी इस दौरान करना अशुभ माने जाते हैं.