Radheshyam Kushwaha
पितृपक्ष जो सामान्य जन में श्राद्ध काल के रूप में प्रख्यात है, को मृत व्यक्तियों व पूर्वजों का पखवाड़ा कहा जाता है. अध्यात्म इस काल को जीवात्मा के कल्याण यानी मोक्ष के लिए सर्वश्रेष्ठ मानता है. पितृपक्ष आत्मा और आत्मिक उत्कर्ष का वो पुण्यकाल है.
पूर्णिमा के दिन से श्राद्ध पक्ष शुरू हो जाएंगे. इस बार 29 सितंबर 2023 दिन शुक्रवार को अगस्त्य तर्पण तथा 30 सितंबर दिन शनिवार से प्रतिपदा पितृपक्ष प्रारंभ हो जाएगा. इसमें नित्य तर्पण एवं अमावस्या या पिता की निधन-तिथि को पार्वण श्राद्ध करने का विधान है. इस साल श्राद्ध तिथियां इस प्रकार होंगी.
पितृपक्ष पखवाड़े की शुरुआत भाद्रपद पूर्णिमा 29 सितम्बर से होगी.
प्रतिपदा श्राद्ध : 30 सितंबर दिन शनिवार को दोपहर 1 बजकर 58 मिनट तक.
द्वितीया श्राद्ध : 1 अक्तूबर दिन रविवार को 12 बजकर 09 मिनट तक.
तृतीया श्राद्ध : 2 अक्तूबर दिन सोमवार को 10 बजकर 42 मिनट तक. (इसके बाद चतुर्थी-श्राद्ध).
चतुर्थी श्राद्ध : 3 अक्तूबर दिन मंगलवार को 9 बजकर 39 मिनट तक. (इसके बाद पंचमी-श्राद्ध).
पंचमी श्राद्ध : 4 अक्तूबर दिन बुधवार को 9 बजकर 04 मिनट तक. (इसके बाद षष्ठी-श्राद्ध)
षष्ठी श्राद्ध : 5 अक्तूबर दिन गुरुवार को 8 बजकर 58 तक. (तत्पश्चात् सप्तमी-श्राद्ध)
सप्तमी श्राद्ध : 6 अक्तूबर दिन शुक्रवार को 9 बजकर 25 मिनट तक. (तत्पश्चात् अष्टमी-श्राद्ध)
अष्टमी श्राद्ध : 7 अक्तूबर दिन शनिवार को 10 बजकर 21 मिनट तक. (तत्पश्चात् नवमी-श्राद्ध)
नवमी श्राद्ध : 8 अक्तूबर दिन रविवार को 11 बजकर 45 तक. (तत्पश्चात् दशमी-श्राद्ध)
दशमी श्राद्ध : 9 अक्तूबर दिन सोमवार को 1 बजकर 32 मिनट तक.
एकादशी श्राद्ध : 10 अक्तूबर दिन मंगलवार को 3 बजकर 34 मिनट तक.
द्वादशी श्राद्ध : 11 अक्तूबर दिन बुधवार को दिनभर.
त्रयोदशी श्राद्ध : 12 अक्तूबर दिन गुरुवार को दिनभर.
चतुर्दशी श्राद्ध : 13 अक्तूबर दिन शुक्रवार को दिनभर.
अमावस्या, पितृविसर्जन श्राद्ध : 14 अक्तूबर दिन शनिवार को दिनभर.
(स्रोत : महावीर पंचांग, वाराणसी के अनुसार)