Radheshyam Kushwaha
कुंडली में पितृ दोष होने से संतान प्राप्ति में समस्याएं उत्पन्न होती है. अगर संतान उत्पन्न होती है, तो वह शारीरिक, मानसिक रूप से विकलांग होती है या फिर पैदा होते ही मृत्यु हो जाती है.
कुंडली में पितृ दोष होने से सूर्योदय के समय भगवान सूर्य को अर्घ्य देना शुभ माना जाता है। इसके लिए एक तांबे के लोटे में जल, सिंदूर, अक्षत, लाल फूल डालकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें। इसके साथ ही इस मंत्र को बोले- ऊँ घृणि: सूर्य आदित्य
पितृपक्ष के दौरान पितृ दोष के कष्टों को दूर करने के लिए सूर्य तांत्रिक मंत्र, दशाक्षर सूर्य मंत्र, आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना लाभकारी सिद्ध हो सकता है।
पितृपक्ष के दौरान पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। ‘ॐ भूर्भव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।
पितृ दोष से राहत पाने के लिए ‘श्री सूर्य वज्र पंजर कवचम्’ का पाठ करना चाहिए.
पितृपक्ष के दौरान रोजाना शाम के समय दक्षिण दिशा की ओर दीपक जलाएं.