Radheshyam Kushwaha
Parivartini Ekadashi 2023: सनातन धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है. एकादशी व्रत के दिन भगवान श्री विष्णु की उपासना करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है. भाद्रपद मास के एकादशी तिथि को परिवर्तिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है.
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 25 सितंबर 2023 को सुबह 7 बजकर 55 मिनट से शुरू होगी और 26 सितंबर 2023 को सुबह 5 बजे खत्म होगी. ऐसे में इस बार दो दिन एकादशी का व्रत रखा जाएगा.
इस बार परिवर्तिनी एकादशी व्रत दो दिन, यानि 25 सितंबर 2023 दिन सोमवार और 26 सितंबर 2023 दिन मंगलवार को रखा जाएगा. ऐसे में पार्श्व एकादशी व्रत 25 सितंबर 2023 दिन सोमवार को रखा जाएगा. वहीं गौण पार्श्व एकादशी व्रत 26 सितंबर 2023 दिन मंगलवार के दिन रखा जाएगा.
एकादशी के दिन ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान व ध्यान से निवृत होकर हाथ में अक्षत लेकर व्रत का संकल्प लें. इसके बाद एक चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें.
भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें और चारों तरफ गंगाजल से छिड़काव करें, फिर षोडषोपचार विधि से भगवान विष्णु की पूजा करें.
भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें. अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें. पूजा के बाद भगवान की आरती करें. इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें.
भगवान विष्णु को तुलसी दल जरूर चढ़ाएं और पीले रंग की मिठाई भोग स्वरूप में अर्पित करें. एकादशी व्रत कथा का श्रवण करें और विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ अवश्य करें.
भगवान विष्णु को पीला रंग बहुत प्रिय है, इसलिए एकादशी व्रत के दिन पूजा सामग्री में पीले पुष्प, वस्त्र, फल, कलश व आम के पत्ते जरूर रखें.
पूजा की सामग्री में पान, लौंग, सुपारी, कपूर, पीला चंदन, अक्षत, पानी से भरा नारियल, पंचमेवा, कुमकुम, हल्दी, धूप, दीप, तिल, मिष्ठान, मौली इत्यादि अवश्य रखें.