Radheshyam Kushwaha
कार्तिक मास में तुलसी पूजन, रोपण और सेवन करना चाहिए. कार्तिक मास में तुलसी पूजा का महत्व कई गुना बढ़ जाता है. इस माह में तुलसी की पूजा करने से विवाह संबंधी दिक्कतें दूर होती हैं.
कार्तिक मास में सबसे प्रमुख काम दीपदान करना होता है, इस महीने नदी, पोखर, तालाब और घर के एक कोने में दीपक जलाया जाता है. दीपदान और दान करने से अक्षय शुभ फल की प्राप्ति होती है.
कार्तिक मास में भूमि पर सोना भी एक प्रमुख नियम माना गया है. भूमि पर सोने से मन में सात्विकता का भाव आता है तथा अन्य विकार भी समाप्त हो जाते हैं.
कार्तिक महीने में शरीर पर तेल लगाने की भी मनाही होती है. कार्तिक महीने में केवल एक बार नरक चतुर्दशी के दिन ही शरीर पर तेल लगाना चाहिए.
कार्तिक महीने में द्विदलन यानी उड़द, मूंग, मसूर, चना, मटर, राई खाने पर भी मनाही होती है. इसके अलावा इस महीने में दोपहर में सोने को भी मना किया जाता है.