Radheshyam Kushwaha
हरतालिका तीज का व्रत 18 सितंबर 2023 दिन सोमवार को है. हरतालिका तीज का व्रत विवाहिता के साथ अविवाहिता युवतियां भी करती हैं.
हरतालिका तीज का व्रत विवाहित महिलाएं अपने पति,बच्चों और अपने परिवार की कुशलता, सलामती , सेहत और अपने पति और बच्चे के लंबी उम्र की कामना की अभिलाषा से निर्जला व्रत रखती हैं.
हरतालिका तीज का व्रत विवाहिता के साथ अविवाहिता युवतियां भी करती हैं. अविवाहित लड़कियां मनचाहा पति पाने के लिए भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करती हैं.
हरतालिका तीज पर सूर्योदय से पूर्व स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें.
जो महिलाएं सुबह पूजा करती हैं वह शुभ मुहूर्त का ध्यान रखें.
हरतालिका तीज के सूर्यास्त के बाद शुभ मुहूर्त में पूजा श्रेष्ठ होती है.
पूजा स्थल पर फुलेरा लगाएं. केले के पत्तों से मंडप बनाएं.
पूजा से पहले सुहागिन स्त्रियां सोलह श्रृंगार कर बालू या शुद्ध काली मिट्टी से शिव-पार्वती और गणेश जी की मूर्ति बनाएं.
गौरी-शंकर की मूर्ति पूजा की चौकी पर स्थापित करें. गंगाजल, पंचामृत से उनका अभिषेक करें.
गणेश जी को दूर्वा और जनेऊ चढ़ाएं. शिव जी को चंदन, मौली, अक्षत, धतूरा, आंक के पुष्प, भस्म, गुलाल, अबीर, 16 प्रकार की पत्तियां आदि अर्पित करें.
मां पार्वती को सुहाग की सामग्री चढ़ाएं. अब भगवान को खीर, फल आदि का भोग लगाएं.
धूप, दीप लगाकर हरतालिका तीज व्रत की कथा सुनें. आरती कर दें.
रात्रि जागरण कर हर प्रहर में इसी तरह पूजा करें. अगले दिन सुबह आखिरी प्रहर की पूजा के बाद माता पार्वती को चढ़ाया सिंदूर अपनी मांग में लगाएं.
मिट्टी के शिवलिंग का विसर्जन कर दें और सुहाग की सामग्री ब्राह्मणी को दान में दें. प्रतिमा का विसर्जन करने के बाद ही व्रत का पारण करें.