Radheshyam Kushwaha
हर साल भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से गणेश उत्सव की शुरुआत होती है. इस साल गणेश चतुर्थी 19 सितंबर 2023 दिन मंगलवार को है.
गंगा या किसी भी पवित्र नदी की मिट्टी के साथ शमी या पीपल के जड़ की मिट्टी से मूर्ति बना सकते हैं. जहां से भी मिट्टी लें, वहां ऊपर से चार अंगुली मिट्टी हटाकर अंदर की मिट्टी इस्तेमाल करें.
मिट्टी के अलावा गाय के गोबर, सुपारी, सफेद मदार की जड़, नारियल, हल्दी, चांदी, पीतल, तांबा और स्फटिक से बनी मूर्तियों की भी स्थापना कर सकते हैं.
मिट्टी में स्वाभाविक पवित्रता होती है. इसमें भूमि, जल, वायु, अग्नि और आकाश के अंश होने से ये पंचतत्वों से बनी होती है. देवी पार्वती ने भी मिट्टी का ही पुतला बनाया था, फिर शिव जी ने उसमें प्राण डाले. वो ही गणेश बने.
घर में हथेली भर के गणेशजी स्थापित करने चाहिए. ग्रंथों के माप के मुताबिक मूर्ति 12 अंगुल यानी तकरीबन 7 से 9 इंच तक की हो. इससे ऊंची घर में नहीं होनी चाहिए.
मंदिरों और पंडालों के लिए छोटे-बड़े मूर्ति का कोई नियम नहीं है. बैठे हुए गणेश घर में और खड़े गणपति ऑफिस, दुकान, कारखानों के लिए शुभ होते हैं.
पूर्व, उत्तर या ईशान कोण में ( उत्तर-पूर्व के बीच ) मूर्ति रखें. ब्रह्म स्थान यानी घर के बीच में खाली जगह पर भी स्थापना कर सकते हैं. बेडरूम में, सीढ़ियों के नीचे और बाथरुम के नजदीक मूर्ति स्थापना न करें.