शास्त्रों में बताया गया है कि पितृपक्ष में पड़ने वाली इंदिरा एकादशी का व्रत करने से ना केवल भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं बल्कि पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है.
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पद्म पुराण बताया गया कि श्राद्ध पक्ष में आने वाली इस एकादशी का पुण्य अगर पितरों को दे दिया जाए तो नरक में गए पितृगण भी वहां से मुक्त होकर स्वर्ग चले जाते हैं.
Pitru Paksha 2022 | prabhat khabar
इंदिरा एकादशी के दिन पवित्र नदियों में स्नान कर पितरों के नाम का तर्पण विधि करनी चाहिए. इस दिन पितरों के नाम का दान-पुण्य भी करना चाहिए, ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
pitru paksha 2022 | prabhat khabar
एकादशी तिथि के दिन जिन लोगों का देहांत हुआ हो, चाहे फिर वह कृष्ण पक्ष की हो या फिर शुक्ल पक्ष की, उनका श्राद्ध कर्म इस दिन किया जाता है.
गयाजी में पिंडदान करते लोग | prabhat khabar
इंदिरा एकादशी के दिन देश-दुनिया से संन्यास लेने वाले व्यक्तियों का भी श्राद्ध किया जाता है. वहीं संत-संन्यासियों का श्राद्ध द्वादशी तिथि में किया जाता है.
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इंदिरा एकादशी तिथि के दिन श्राद्ध करने से पितरों को अधोगति से मुक्ति मिल जाती है. एकादशी के दिन श्राद्ध करने से आत्मा जन्म और मृत्यु के बंधन से मुक्त हो जाती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है.
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इंदिरा एकादशी के दिन श्राद्ध पक्ष करने से व्यक्ति संतान, यश, स्वर्ग, कीर्ति, श्री, सुख, धन-धान्य आदि की कोई कमी नहीं होती है. एकादशी के दिन पितरों के नाम का व्रत व दान-पुण्य करने से आत्मा को शांति मिलती है.
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