सनातन धर्म में पवित्र वृक्ष पीपल के नीचे शुद्ध घी का दिया जलाना शुभता का प्रतीक माना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि पीपल के पेड़ में पितरों का वास होता है और अमावस्या के दिन पितरों के लिए शुद्ध घी का दीपक जलाने से पितरों प्रसन्न होते हैं और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है.
पीपल के पेड़ के नीचे कब जलाना चाहिए दीपक | सोशल मीडिया
शनिवार और अमावस्या के दिन शाम को पीपल के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाना चाहिए. धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने पर श्रीहरि विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती हैं और आर्थिक तंगी दूर होगी.
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पीपल की पूजा करने से पाप कर्मों, कष्टों और पितृ दोष से छुटकारा मिलता है, इसके साथ ही माता लक्ष्मी बेहद प्रसन्न होती हैं. शनिवार के दिन सुबह पीपल को जल चढ़ाने और शाम को सरसों के तेल का दीपक जलाने पर शनि की महादशा से मुक्ति मिलती है.
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अगर आप कई समस्याओं से परेशान हैं तो आपको पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक ही जलाना चाहिए. पीपल की पूजा भूलकर भी सूर्योदय से पहले नहीं करनी चाहिए.
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पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने का सही समय शाम समय 5 बजे से लेकर 7 बजे तक का माना जाता है. पीपल के नीचे दिया जलाने से ग्रह दोष से मुक्ति मिलती है और न्याय के देवता शनि देव प्रसन्न होते हैं.
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हर शनिवार को वट और पीपल वृक्ष के नीचे सूर्योदय से पूर्व सरसों तेल का दीपक जलाएं और यहां शुद्ध कच्चा दूध और धूप अर्पित करें.
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शनिवार के दिन पीपल के नीचे तेल का दीपक जलाकर वहां हनुमान, भैरव और शनि चालीसा का पाठ करने से शनि की ढैया का प्रभाव कम होता है.
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