देश में एक अक्टूबर से केंद्र सरकार नए श्रम कानूनों को लागू कर रही है. इसके पहले कानूनों के नियमों को लोगों तक पहुंचाया जा रहा है. पहले कानूनों को एक अप्रैल से लागू करना था. अब, नए श्रम कानूनों को एक अक्टूबर से लागू करने की तैयारी हो रही है. <em>(पीटीआई फाइल फोटो)</em>
| पीटीआई (फाइल फोटो)
पहले कानूनों को एक अप्रैल से लागू किया जाना था. अब, नए श्रम कानूनों को एक अक्टूबर से लागू करने की तैयारी हो रही है. <em>(पीटीआई फाइल फोटो)</em>
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केंद्र सरकार ने 29 श्रम कानूनों को मिलाकर चार नए वेज कोड तैयार किए हैं. अगस्त में तीन लेबर कोड में बदलाव किया गया था जो सितंबर में पास हुआ था. <em>(पीटीआई फाइल फोटो)</em>
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चारों लेबर कोड का नाम कोड ऑन वेजेज, इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड, ऑक्यूपेशनल सेफ्टी एंड हेल्थ और सोशल सिक्योरिटी कोड है. <em>(पीटीआई फाइल फोटो)</em>
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नए लेबर कोड में एक अक्टूबर से नौकरी करने वालों की सैलरी में बदलाव दिखेगा. कर्मचारियों की टेक होम सैलरी में कमी आ सकती है. <em>(पीटीआई फाइल फोटो)</em>
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एक अक्टूबर से काम के घंटे, ओवरटाइम, ब्रेक टाइम को लेकर भी प्रावधान किए गए हैं. नए ड्राफ्ट कानून में 15 से 30 मिनट के बीच के अतिरिक्त कामकाज को भी 30 मिनट गिनकर ओवरटाइम में शामिल किया जाएगा. <em>(पीटीआई फाइल फोटो) </em>
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नए नियमों में किसी भी कर्मचारी से लगातार 5 घंटे से ज्यादा काम नहीं कराया जा सकता है. हर पांच घंटे के बाद कर्मचारी को 30 मिनट का ब्रेक देना जरूरी किया गया है. <em>(पीटीआई फाइल फोटो) </em>
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वेज कोड एक्ट 2019 के लागू होने के बाद कर्मचारियों का सैलरी स्ट्रक्चर बदलेगा. उनकी टेक होम सैलरी घट जाएगी. बेसिक सैलरी बढ़ने से उनका पीएफ ज्यादा कटेगा. <em>(पीटीआई फाइल फोटो)</em>
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कर्मचारियों का पीएफ के साथ ग्रैच्युटी में भी योगदान बढ़ जाएगा. कहने का मतलब है कर्मचारी को रिटायरमेंट पर ज्यादा रकम मिलेगी. <em>(पीटीआई फाइल फोटो)</em>
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असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए भी नया वेज कोड लागू होगा. सैलरी और बोनस से जुड़े नियम बदलेंगे और हर इंडस्ट्री-सेक्टर में काम करने वालों की सैलरी में एकरूपता आएगी. <em>(पीटीआई फाइल फोटो)</em>
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कर्मचारियों के काम के घंटे, सालाना अवकाश, पेंशन, पीएफ, टेक होम सैलरी, रिटायरमेंट से जुड़े नियमों में बदलाव होंगे. मजदूर यूनियन ने अर्जित अवकाश को 240 से बढ़ाकर 300 करने की मांग भी की है. <em>(पीटीआई फाइल फोटो)</em>
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