नागराज मंदिर से जुड़ी हैं नाग राजाओं की अनकही कहानियां, Nag Panchmi 2023 के दिन करें विजिट

Shaurya Punj

तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिले के नागरकोइल शहर में स्थित, 'नागराज मंदिर' सांपों के राजा वासुकी को समर्पित है.

Nagaraja Temple Tour on Nag Panchmi 2023 | Twitter

रविवार के दिन मंदिर में विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है, जिसके अंतर्गत नाग देवता को दूध और हल्दी चढ़ाई जाती है.

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मन्दिर परिसर में तीन मन्दिर है - पहला मन्दिर मुख्य देवता नागराज को समर्पित है, दूसरा मन्दिर जिसमें श्री रुक्मणी और सत्यभामा जी के साथ भगवान श्रीकृष्ण जो की एक सर्प पर नृत्य कर रहे है को समर्पित है, तीसरा मन्दिर जो भगवान शिव को समर्पित है.

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 श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पञ्चमी के दिन मनाया जाने वाला नागपंचमी का उत्सव जब पूरे देश में नागों को दूध चढ़ाया जाता है और यहां नागराज मंदिर में  विशेष पूजा  की जाती है, इस मन्दिर में मनाया जाने वाला मुख्य उत्सव है.

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इस दिन मन्दिर नागराज के भक्तों से भर जाता है. मन्दिर में तमिल माह ताई ( मध्य जनवरी से मध्य फरवरी ) में ब्रम्होत्सव का पर्व जो एक प्रकार का रथ उत्सव है, रेवती के दिन से प्रारम्भ से होकर अयिल्यम पर समाप्त होता है.

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सबसे रोचक और अद्भुत बात तो यह है की यह पूर्ण क्षेत्र जहरीले कोबरा सर्पों से भरा हुआ है. मन्दिर और उसके आसपास के 5 किमी तक के भूभाग से आज तक किसी भी सर्प दंश से मृत्यु की सूचना नहीं है.<br>

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