MIT पुणे के छात्रों ने बनाया ड्राइवरलेस इलेक्ट्रिक वाहन, एक बार चार्ज होने पर चलेगी 40 किमी

Prabhat khabar Digital

पुणे के इंजीनियरिंग के छात्रों का कमाल, बनायी ड्राइवरलेस कार

ऑटोमोबाइल उद्योग का ध्यान अगली पीढ़ी के वाहनों पर है. इनमें इलेक्ट्रिक वाहन और सेल्फ ड्राइविंग ऐसे सब्जेक्ट हैं, जिन पर ऑटो सेक्टर तेजी से काम कर रहे हैं. ऐसे में पुणे के इंजीनियरिंग के छात्रों के समूह ने एक चालक रहित स्वायत्त इलेक्ट्रिक कार विकसित की है.

ड्राइवरलेस वाहन | ANI

मैकेनिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार के छात्रों ने दिया अंजाम

ड्राइवरलेस इलेक्ट्रिक वाहन को विकसित करने के लिए मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार के छात्रों ने एक साथ मिलकर काम को अंजाम दिया. इस वाहन को स्तर III स्वायत्तता पर आधारित होने का दावा किया जा रहा है. इसमें बीएलडीसी इलेक्ट्रिक मोटर और लिथियम आयरन फॉस्फेट बैटरी का उपयोग किया गया है.

ड्राइवरलेस वाहन | ANI

एक बार चार्ज होने पर 40 किमी तक चलेगी

ड्राइवरलेस इलेक्ट्रिक वाहन में सेंसर, लीडर कैमरा, माइक्रोप्रोसेसर, स्वचालित एक्शन कंट्रोल सिस्टम आदि का उपयोग किया गया है. समूह ने दावा किया है कि यह इलेक्ट्रिक व्हीकल एक बार चार्ज करने पर 40 किमी तक की दूरी तय करने में सक्षम है. वहीं, बैटरी पूरी तरह चार्ज होने में करीब चार घंटे लगते हैं.

बिना ड्राइवर चल रही कार | ANI

परिवहन, कृषि, खनन, वाई अड्डा, विश्वविद्यालय, गोल्फ क्लब समेत कई जगहों पर हो सकता है इस्तेमाल

छात्रों के समूह ने दावा किया है कि ऐसे वाहन का उपयोग परिवहन, कृषि, खनन जैसे कई जगहों पर किया जा सकता है. साथ ही इसका उपयोग मेट्रो स्टेशनों को आसपास के क्षेत्रों से जोड़ने के लिए भी किया जा सकता है. इसके अलावा अन्य स्थानों जैसे हवाई अड्डा, विश्वविद्यालयों, गोल्फ क्लब आदि में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है.

वाहन बनानेवाले छात्रों का समूह | ANI

शोध परियोजना के रूप में छात्रों ने किया विकसित

छात्रों के समूह ने सेल्फ-ड्राइविंग इलेक्ट्रिक फोर-व्हीलर को एक शोध परियोजना के रूप में विकसित किया है. इसकी कोई सूचना अभी नहीं है कि इसे बड़े पैमाने पर उपयोग के लिए तैयार किया जायेगा या नहीं. और अगर तैयार किया जायेगा, तो कब तक?

वाहन बनानेवाले छात्रों का समूह | ANI